देवघर ( DEOGHAR) : देवघर का bio diversity park सैलानियों की पहली पसंद बन रहा है. प्रकृति को देखने के लिए दूर दराज के सैलानी का प्रतिदिन इस पार्क में जमावड़ा लगा रहता है. भीड़ भाड़, प्रदूषण से बचकर स्वच्छ वातावरण में अपने परिवार के साथ इस पार्क में समय बिताना सैलानियों को अच्छा लग रहा है. प्रकृति से प्रेम और सहेजने के उद्देश्य से देवघर में वन विभाग द्वारा बायो डाइवर्सिटी पार्क का निर्माण कराया गया. देवघर-चकाई मुख्य मार्ग पर स्थित यहां के ऐतिहासिक दिघरिया पहाड़ के लगभग 500 हैक्टेयर क्षेत्र में फैले इस पार्क के जरिये पर्यावरण संरक्षण के साथ यहां आने वाले पर्यटकों को शैक्षणिक लाभ देने का भी प्रयास किया गया है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
देवघर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ नगरी में. पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ के कारण सावन माह में लाखों लाख लोग और अन्य दिनों में हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं. पूजा अर्चना के बाद इनमें से अधिकांश लोग जिला में स्थित मनोरम दृश्य को देखने अवश्य जाते हैं. इसी को ध्यान में रखकर वन विभाग एक पर्यटन हब के रूप में बायो डाइवर्सिटी पार्क का निर्माण कराया है. वन विभाग द्वारा आसपास के क्षेत्र की वन संपदा को सहेजने और इसके सौंदर्य से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया गया है. पार्क को हेमंत सरकार के एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री द्वारा इसका रांची से ऑन लाइन उद्घाटन किया गया था. राष्ट्रीय उच्चमार्ग से जुड़े होने के कारण वन विभाग द्वारा जल्द ही लोगों के इस ओर आकर्षित होने और इस क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही है.
विद्यार्थियों को कराया जाएगा शैक्षणिक भ्रमण
देवघर वन प्रमंडल के प्रमंडलीय वन पदाधिकारी राज कुमार साह ने बताया कि कई दुर्लभ प्रजाति और औषधीय गुण वाले पेड़-पौधों से भरपूर इस क्षेत्र को जन उपयोगी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. पार्क में मेडिसिनल गार्डन,लता उद्यान,औषधीय पौधों का उद्यान,कई प्रजाति के कैक्टस और ड्रैगन फ्रूट गार्डन का निर्माण कराया गया है. जिससे यहां आने वाले पर्यटक और खास कर विद्यार्थी यहां के प्रकृति का आनंद लेने के साथ इसका शैक्षणिक भ्रमण के तौर पर दुर्लभ पेड़-पौधों के अध्ययन के लिए भी उपयोग कर पाएंगे. डीएफओ ने बताया कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को आने वाले जनवरी माह में शैक्षणिक भ्रमण करा कर उन्हें प्रकृति प्रेम के बारे में बताया जाएगा. इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा यहां प्रकृति व्याख्यान केंद्र,प्रशासनिक भवन,जलपान गृह,बांस घर,कृत्रिम झरना सहित पेयजल और टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है. पर्यटकों के मनोरंजन के लिए ट्रेकिंग की सुविधा और जंगल ट्रेल भी विकसित किये गए हैं. वन विभाग इस पार्क को एक मनोरम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के साथ इसके शैक्षणिक महत्व को लेकर ज्यादा आशान्वित है.
40 पक्षियां को अभी तक किया गया है चिन्हित
डीएफओ राज कुमार साह ने बताया कि इस पार्क का सर्वे के दौरान यहां एक से एक पशु,पक्षी मिले हैं. पक्षियों की बात करें तो अभी तक 40 प्रजाति के पक्षी को यहां देखा जा रहा है. इनमें indian pitta,Large cuckooshrike,blue naped monarch,redstart,Golden frameback, common iora, Golden lease, paradise flycather इत्यादि रंग बिरंगी पक्षियों के अलावा नील गाय,कॉमन लंगूर, विभिन्न प्रजाति के सांप इत्यादि मौजूद मिले हैं. डीएफओ ने कहां की यह अच्छी बात है कि इस पार्क में कई विलुप्त हो रहे पक्षी के बारे में आने वाले पर्यटक हो या विद्यार्थी इसकी जानकारी ले सकते हैं.
ग्लोवल वार्मिंग के प्रति जागरूकता की ज़रूरत
ग्लोवल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के इस माहौल में प्राकृतिक संपदा और खासकर वनों को सहेजने और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की सख्त जरूरत है. उम्मीद की जा रही है कि देवघर में वन विभाग का यह प्रयास अपने उद्देश्य में सफल साबित होगा. उम्मीद है नए साल का पिकनीक शांत वातावरण और प्रकृति की गोद में लोग यहां मनायेंगे.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर