देवघर(DEOGHAR):देशभर में लोकसभा चुनाव का माहौल गर्म है.अभी से ही तपिश वाली गर्मी में उम्मीदवार पसीना बहाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.यदि बात गोड्डा लोकसभा की करें तो यहां बीजेपी से निशिकांत दुबे और कांग्रेस से प्रदीप यादव के बीच टक्कर है.हालांकि गोड्डा लोकसभा का चुनाव अंतिम चरण यानी 1 जून को होना है.जिसकी अधिसूचना 7 मई को जारी की जाएगी और इसी दिन से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी,लेकिन अभी से ही क्षेत्र में दोनो दल के घोषित उम्मीदवार लगातार दौरा कर जनता को अपने पक्ष में रिझाने की कोशिश कर रहे है,तपिश वाली गर्मी के बीच चुनावी गर्मी दोनो मार से झेल रहे है उम्मीदवार,लेकिन देवघर में इन सब से अलग दो कट्टर बीजेपी सपोर्टर की कट्टर दुश्मनी ने पूरा क्षेत्र का माहौल गर्म कर दिया है.दोनो के द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पर जमकर आपसी दुश्मनी निकाली जा रही है.हम बात कर रहे है सांसद निशिकांत दुबे और पूर्व मंत्री राज पलिवार के बीच चल रही फेसबुक वार की.
2009 से एक दूसरे के कट्टर है राज और निशिकांत
2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने स्थानीय का टिकट काट कर बाहरी को दिया था.इस सीट पर प्रबल दावेदार के रूप में राज पलिवार का पलड़ा भारी था, लेकिन बीजेपी ने अचानक भागलपुर निवासी निशिकांत दुबे को टिकट दे दिया.टिकट की घोषणा के बाद निशिकांत का विरोध राज पलिवार के गुट द्वारा जमकर किया गया.दिल्ली से जसीडीह स्टेशन पर उतरने के बाद निशिकांत समर्थक और राज समर्थक में जमकर मारपीट हुई.थाना मुकदमा तक हो गया.बस इसी दिन से निशिकांत दुबे और राज पलिवार में कट्टर दुश्मनी हो गयी.2009 के चुनाव में निशिकांत दुबे की जीत हुई और वह पहली बार सांसद बने,फिर निशिकांत दुबे के आग्रह पर तत्कालीन मधुपुर विधायक राज पलिवार का टिकट काट कर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिनोदानंद झा के परपोता अभिषेक झा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया लेकिन वह चुनाव हार गए.फिर बीजेपी ने 2014 में राज पलिवार को टिकट दिया और चुनाव जीत कर रघुवर सरकार में मंत्री बनकर निशिकांत दुबे को आइना दिखा दिया.
निशिकांत दुबे के आंखों में राज पलिवार हमेशा चढ़े रहते है
2019 में राज पलिवार चुनाव हार गए.फिर निशिकांत दुबे ने उन्हें पार्टी की सक्रियता में दखल अंदाजी नही करने दिया.राज पलिवार लगभग साढ़े तीन साल तक बीजेपी से दूरी बनाए रखे लेकिन पार्टी को अलविदा नहीं कहां.2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर से भरोसा राज पलिवार पर जताते हुए इन्हें दुमका लोकसभा का प्रभारी बना दिया.अब राज पलिवार खुलकर पार्टी के लिए काम कर रहे है,लेकिन निशिकांत दुबे के आंखों में राज पलिवार हमेशा चढ़े रहते है यही कारण है कि वे सोशल मीडिया के फेसबुक पर निशिकांत हमेशा राज पलिवार के खिलाफ लिखने से पीछे नहीं हट रहे.
फेसबुक पर दोनो के बीच जमकर वाक युद्ध चल रहा है
निशिकांत और राज दोनो में 36 का आंकड़ा 2009 से अभी तक बना हुआ है.यही वजह है कि निशिकांत और राज पलिवार दोनो किसी की कमजोरी को सार्वजनिक फेसबुक के माध्यम से करते आ रहे है.इनदिनों चुनावी सरगर्मी में दोनो के बीच वाक युद्ध से पूरा माहौल गरमा गया है.क्या क्या लिखा जा रहा है आप भी इनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक के इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं,जो भी हो इस बार का चुनाव परिणाम का अंजाम समय ही बतायेगा.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा