देवघर (DEOGHAR) : विभागीय लापरवाही के कारण देवघर शहरी जलापूर्ति का मुख्य स्रोत डढ़वा नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं पेयजल का मुख्य स्रोत होने के बाबजूद शहर की गंदगी को इसके किनारे डंप किया जा रहा है. जिससे इसका पानी भी तेजी से दूषित हो रहा है. शहर में पेयजल आपूर्ति नगर निगम के जिम्मे होने के कारण स्थानीय लोग अब नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.
सूखने के कगार पर है नदी
विभागीय लापरवाही का शिकार हो कर सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. देवघर की लाईफ लाइन कही जाने वाली डढ़वा नदी. जब तक पुनासी जलाशय योजना का काम पूरा नहीं होता तब देवघर शहरी जलापूर्ति का यह मुख्य स्रोत है. देवघर में शहरी जलापूर्ति नगर निगम के जिम्मे है,लेकिन नगर निगम इसके संरक्षण के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं है. इतना ही नहीं पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत होने के बाबजूद इसके किनारे न सिर्फ कूड़ा डंप किया जा रहा है. मृत जानवरों को भी इसी जगह ला कर फेंक दिया जाता है. नतीज़ा है कि इसका पानी तेज़ी से दूषित हो रहा है. नदी की इस दुर्दशा पर अब स्थानीय लोगों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है.
पहले हुए ध्वस्त पुल के मलवा का उठाव अब तक नहीं हुआ
हैरानी की बात है कि आज से लगभग 13-14 वर्ष पहले इस नदी पर बना पुल ढह गया था. बाद में इस जगह नया पुल भी बन गया लेकिन ध्वस्त पुल का मलबा आजतक नदी में पड़ा हुआ है. इस ओर नगर निगम की नींद अभी तक नही खुली है. उम्मीद की जानी चाहिए कि संबंधित विभाग द्वारा जल्द ही नदी से मलबा हटा कर न सिर्फ इसके अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने की पहल शुरु की जाएगी बल्की इसके पानी को भी दूषित होने से बचने के कारगर कदम उठाए जाएंगे.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर