देवघर(DEOGHAR): देवघर मंदिर से सटे आसपास क्षेत्र की जमीन लखराज प्रकृति की है. यह जमीन इस्टेट जमींदारों द्वारा अपने सिपाही,द्वारपाल, पुजारी एवं अन्य लोगों को बंदोबस्त किया जाता था. यह जमीन लगान मुक्त होता था. जमींदारी उन्मूलन के बाद इस प्रकार के जमीन का मोटेशन अथवा रजिस्ट्री आवश्यक होने लगा. लेकिन देवघर जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण पिछले कई वर्षों से इस जमीन का ना तो खरीद बिक्री हो पा रही है नो ही इसकी रजिस्ट्री. इससे नाराज तीर्थ पुरोहितों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. इसी कड़ी में झारखंड के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के उप नेता प्रदीप यादव रविवार देर शाम अनशन स्थल पर पहुंच तीर्थ पुरोहित समाज से उनकी लड़ाई की वजह की जानकारी ली. मौके पर बोलते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि इनका आंदोलन वाजिब है और इस संदर्भ में वह खुद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर पूरी वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराते हुए उन्हें समझाने का प्रयास किया जाएगा. प्रदीप यादव ने उम्मीद जताई की मुख्यमंत्री सारे मामले को समझ कर तीर्थ पुरोहित समाज के इस मांग को पूरा करेंगे. प्रदीप यादव के इस बयान के बाद तीर्थ पुरोहित समाज में हल्की खुशी देखी गई है. अब देखने वाली बात होगी की तीर्थ पुरोहित समाज का आंदोलन आगे और कितने दिन चलती है.
15 मार्च से आमरण अनशन पर बैठे हैं पुरोहित समाज
लखराज प्रकृति की जमीन का हस्तांतरण और निबंधन शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन से इन दिनों तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा लड़ाई चल रही है. पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर के नेतृत्व में पुरोहित समाज द्वारा इसी माह की 15 मार्च से स्थानीय वीआईपी चौक पर आमरण अनशन किया जा रहा है. जिला प्रशासन के अड़ियल रवैया के खिलाफ कई सामाजिक संगठन,संघ, जनप्रतिनिधि और व्यवसाई वर्ग द्वारा लखराज की लड़ाई में तीर्थ पुरोहितों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. पिछले दिनों सत्तारूढ़ दलों के नेता भी अनशन तुड़वाने को आए थे लेकिन नतीजा जस का तस बना है. स्थानीय स्तर पर जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा भी अनशन तोड़वाने की कोशिश की गई लेकिन तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा अपने मांगों को लेकर अडिग है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा