देवघर(DEOGHAR): देश भर के विभिन्न राज्यों में अच्छी खासी जनजाति समुदाय की आबादी है. एक राज्य से दूसरे राज्य में इन समुदाय के लोगों की बीमारी भी अलग होती है. एक दूसरे के सम्पर्क में आने से तरह तरह की बीमारियों का संक्रमण का विस्तार होने से इंकार नहीं किया जा सकता. बीमारियों की वजह से या समुचित देख भाल नही होने से धीरे धीरे जनजातीय समुदाय की आवादी घट रही है. जो काफी चिंता का विषय है. ऐसे में भारत सरकार द्वारा जनजातीय आबादी की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक स्थायी और हाई क्वालिटी वाली स्वास्थ्य परिवेश का निर्माण करने की पहल शुरू की गई है.
6 और 7 मई को राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री करेंगे शिरकत
जनजातीय समुदाय के लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए ECHO(extension for community health outcome) के बैनर तले देवघर एम्स की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन आगामी 6 और 7 मई को एम्स परिसर में आयोजित किया जाएगा. इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा शिरकत करेंगे. इनके अलावा देशभर के चिकित्सक,शिक्षाविद, शोधकर्ता शामिल होंगे. इन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जनजातीय स्वास्थ्य पर अपना अपना विचार रखा जाएगा. ताकि जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिवेश के निर्माण हो सके.
तैयारी में जुटा एम्स प्रबंधन
देवघर के देवीपुर में स्थापित एम्स के लिए पहला मौका होगा जब राष्ट्रीय स्तर का कोई भी सम्मेलन आयोजित की जाएगी. एम्स निदेशक डॉ सौरव वाष्र्णेय की देख रेख में सम्मेलन की तैयारी शुरू कर दी गई है. देवघर स्थित एम्स में पढ़ाई के अलावा इस क्षेत्र की कुछ खास बीमारियों पर शोध के लिए भी यहां एक स्वतंत्र प्रभाग स्थापित है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य सम्मेलन का यहाँ आयोजन हर मामले में सफल होगा.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
