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देवघर : सरकारी बाबुओं की मेहरबानी से मृत लोगों को भी मिल रहा पेंशन का लाभ, सारठ में बड़ी लापरवाही का खुलासा 

देवघर : सरकारी बाबुओं की मेहरबानी से मृत लोगों को भी मिल रहा पेंशन का लाभ, सारठ में बड़ी लापरवाही का खुलासा 

देवघर(DEOGHAR): देवघर जिला में हज़ारों ऐसे लोग है जिनपर अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मेहरबान है. इन अधिकारी और कर्मचारियों की उदारता ही है कि लाखों रुपये का सरकारी राजस्व प्रति माह सरकार का नुकसान करवा रहे हैं. इसके पीछे की वजह पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. दरअसल जिला भर के हज़ारों ऐसे लाभुक है जो मर चुके हैं और उनका पेंशन अभीतक चालू है.

सारठ प्रखंड में मृत लोगों को भी मिल रहा पेंशन 

ताज़ा मामला हम सिर्फ सारठ प्रखंड का बता रहे हैं जहां लगभग 700 ऐसे लोग है जिनका स्वर्गवास हो गया है और सरकारी बाबुओं की मेहरबानी से वे अपना पेंशन का लाभ सीधे स्वर्ग में ही मंगवा रहे हैं. इस प्रखंड के 27 ऐसे पंचायत मिले है जहां 690 लोग स्वर्गलोक लगभग दो वर्ष पहले ही पहुँच चुके हैं लेकिन इन लोगों का पेंशन आज तक उन्हें उनके बैंक खाते में आ रहा है. यह मामला तब संज्ञान में आया है जब जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के निदेशक द्वारा केंद्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं का लाभ लेने वाले पेंशनधारियों का वार्षिक सत्यापन करने का पत्र सभी प्रखंडों को दिया गया. पत्र मिलने के बाद पंचायतों में पंचायत सचिव से सत्यापन कराया जा रहा है. देवघर के सारठ प्रखंड में सभी मृत लोगों के बैंक में प्रतिमाह पेंशन का 1000 रुपया सरकार की ओर से आता है. यह पैसा मृतक के परिजन द्वारा एटीएम कार्ड से निकासी कर ली जाती है. ऐसे में प्रतिमाह लाखों रुपये सरकारी राजस्व की हानि अधिकारी,कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि की मेहरबानी से हो रही है.

स्थानीय अधिकारियों पर उठ रहे कई  सवाल 

वार्षिक सत्यापन होने से मृतव्यक्तियों की सूची प्रखंड स्तर पर तैयार की जा रही है. इस सूची को जिला मुख्यालय भेजकर मृत व्यक्तियों को पेंशन पोर्टल से नाम हटाने की प्रकिया शुरु की जाएगी. विभागीय निर्देशानुसार कम से कम हर तीन महीने पर पंचायत सेवक या मुखिया को मृत लोगों की सूचना प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध कराना होता है. अब देवघर के इस प्रखंड अंतर्गत आने वाले पंचायत और वहां के पंचायत सचिव और मुखिया क्यों नही जांच कर मृत लोगों की सूची प्रखंड कार्यालय में जमा करा पाए यह एक गंभीर संवाल है. ऐसे में अगर प्रत्येक तीन माह पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा भी इसकी समीक्षा क्यों नहीं की गई यह भी सवाल खड़ा हो सकता है. दूसरी ओर मृतक के परिजन द्वारा भी मृत व्यक्ति का नाम पेंशन लाभुक से हटाने की सूचना देनी होती है. लेकिन मृतक के परिजन को इससे घाटा ही होता है,क्योकि प्रत्येंक माह उन्हें 1000 रुपये जो मिल रहा है. यह सिर्फ एक मात्र सारठ प्रखंड का मामला सामने आया है अब देखना होगा की पूरे जिले से कितना ऐसे लाभुक है जो मृत हो चुके हैं और उन्हे पेंशन मिल रहा है. अगर सही से जांच की जाए तो एक चौकाने वाला आंकड़ा सामने आयेगा. अब सवाल उठता है कि पिछले 2 वर्षो  तक हजारों मृतकों के खाते में गए सरकारी खजाने से लाखों रुपये की भरपाई कौन करेगा. 

रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा 

Published at:08 Apr 2023 10:53 AM (IST)
Tags:jharkhand deoghar dead people are also getting the benefit of pensionSarath Block
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