टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सरना धर्म को मान्यता देने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने 30 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. हालांकि, यह बंदी केवल एक दिन किया गया है. सेंगेल प्रमुख सालखन मुर्मू ने एक दिन के सांकेतिक भारत बंद का आह्वान किया है.
सालखन मुर्मू ने बयान किया जारी
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि किसी समुदाय पर दूसरे धर्मों का पालन करने के लिए दबाव बनाना. कांग्रेस हो या भाजपा दोनों पार्टी ने आदिवासियों को उनके धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित किया है. उन्होंने कहा कि 1951 में जब जनगणना हुआ था. तब सरना धर्म के लिए अलग संहिता थी. लेकिन कांग्रेस ने इसे बाद में समाप्त कर दिया. वहीं भाजपा की सरकार ने आदिवासियों को वनवासी और हिंदू बनाने की कोशिश कर रहा है.
आदिवासी उसी पार्टी को वोट देगें जो सरना धर्म को मान्यता देंगे
आगे सालखन मुर्मू ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में आदिवासी समाज उसी पार्टी को वोट देगा, जो सरना धर्म कोड को मान्यता देने की बात करेगी. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में आदिवासियों की आबादी करीब 15 कोड़ है. आदिवासी लोग प्रकृति की पूजा करते हैं. आदिवासियों को सरना कोड से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. अगर उन्हें सरना कोड नहीं मिलता है, तो यह उनको उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करने का प्रयास है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इसके लिए समान रूप से दोषी हैं.