दुमका(DUMKA):सरना धर्म कोड लागू करने की मांग जोर पकड़ने लगा है. इस मांग को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 30 दिसंबर को रेल रोड चक्का जाम की घोषणा की गई थी. दुमका में रोड जाम का आंशिक असर देखा गया. सुबह से ही आदिवासी सेंगल अभियान के संथाल परगना जोनल हेड के नेतृत्व में कार्यकर्ता द्वारा फूलो झानो चौक को जाम रखा गया.रोड जाम होने के कारण वाहनों की लंबी कतार लग गयी. घर से अपने गंतव्य स्थल तक जाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. 2 बजे दिन तक सड़क जाम रखा गया.
आदिवासियों को धार्मिक आजादी से वंचित करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोषी है- अमर
वहीं आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा जाम स्थल पर मौजूद मुफ़स्सिल थाना प्रभारी नीतीश कुमार और प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को मांग पत्र सौपने के बाद जाम समाप्त हुआ और आवागमन सामान्य हो पाया.इसको लेकर आदिवासी सेंगल अभियान के जोनल हेड अमर मरांडी ने कहा कि यह देश के 15 करोड़ आदिवासियों की पहचान का सवाल है. आदिवासियों को उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों दोषी है. 1951 की जनगणना तक यह प्रावधान था, जिसे बाद में कांग्रेस ने हटा दिया, और अब बीजेपी जबरन आदिवासियों को वनवासी और हिंदू बनना चाहती है. 2011 की जनगणना में 50 लाख आदिवासियों ने सरना धर्म लिखाया था, जबकि जैन धर्मबलम्बियों की संख्या 44 लाख थी.
सरना धर्म कोड के बगैर आदिवासियों को धार्मिक गुलामी को मजबूर करना है- अमर मरांडी
वहीं आगे अमर मरांडी सरना धर्म कोड के बगैर आदिवासियों को जबरन हिंदू, मुसलमान, ईसाई आदि बनाना धार्मिक गुलामी को मजबूर करना है. सरना धर्म कोड की मान्यता मानवता और प्रकृति पर्यावरण की सुरक्षार्थ भी अनिवार्य है. आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा इस मांग को लेकर वर्षों से चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. अगर अभी भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार मांग पूरी करने की दिशा में सार्थक पहल नहीं करती है, तो आने वाले समय में आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा.फूलो झानो चौक पर रोड जाम करने वालों में आदिवासी सेंगल अभियान के जिला अध्यक्ष सुनील मुर्मू, जोनल हेड अमर मरांडी, मनवेल मुर्मू, शिवराम मुर्मू, कमिश्नर मुर्मू, राजेश मुर्मू, रामदास सोरेन, डॉक्टर सोरेन, परमेश्वर मुर्मू, शिवाली मुर्मू, उषा हांसदा, पिंकी मरांडी सहित काफी संख्या में सदस्य मौजूद रहे.
रिपोर्ट-पंचम झा