धनबाद(DHANBAD): आमतौर पर धनबाद हर रोज लगभग 10 लाख लीटर दूध पीता है. लेकिन होली को लेकर कम से कम एक-दो दिनों तक यह खपत 15 लाख लीटर तक होने की पूरी संभावना है .होली में ठंडई ,दही, पनीर, खोवा, मिठाई आदि को लेकर दूध की डिमांड अधिक हो जाती है. मिठाई की डिमांड भी अधिक हो जाती है. होटल में भी दूध की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में इस बढ़ी हुई मांग को कैसे पूरा किया जाता है ,यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है. फिर यहीं से मिलावटी दूध का संदेह पैदा होता है .वैसे तो दूध में सबसे अधिक पानी मिलाने की शिकायत मिलती है. साफ पानी तो सेहत को नुकसान नहीं पहुंचता है लेकिन अगर दूध में गंदा पानी मिलाया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है .कहा तो यह भी जाता है कि दूध में डिटर्जेंट, स्टार्च आदि की मिलावट कर दी जाती है.
होली में बढ़ी दूध की डिमांड
एक अनुमान के अनुसार 60 से 70% दूध गो पालको द्वारा आपूर्ति की जाती है. बाकी दूध डेयरी से आता है. कहा तो यह भी जाता है कि अचानक बढ़ी दूध की खपत के गैप को पाटने के लिए मिलावटी दूध का सहारा लिया जाता है. यह अलग बात है कि इसकी जांच पड़ताल के लिए सरकार की व्यवस्था है. लेकिन वह व्यवस्था कितनी कारगर है, इस पर ठोस ढंग से कुछ नहीं कहा जा सकता. दिखाने के लिए त्योहारों के मौके पर कुछ सैंपल जरूर लिए जाते हैं ,लेकिन इन सैंपलों की रिपोर्ट आते-आते त्योहार बीत जाते हैं. वैसे भी दूध के सेवन का प्रचलन तो बढ़ा है लेकिन गाय भैंस रखने वाले गो पालकों की संख्या दिनों दिन घट रही है. इसका मुख्य वजह महंगाई बताया जाता है .गो पालको के अनुसार अब यह काम फायदेमंद नहीं रह गया है. घर का आटा गीला कर कोई कारोबार कैसे करेगा. सिर्फ मवेशी ही महंगे नहीं हुए हैं, बल्कि उनके चारे के दाम में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. वैसे भी कोयलांचल सहित पूरे देश में किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चिकित्सक बताते हैं कि केमिकल युक्त दूध लीवर और किडनी समेत शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है. होली का त्यौहार है, ऐसे में दूध की डिमांड को पाटने के लिए कई तरह के उपक्रम किए जाएंगे.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो