दुमका (DUMKA): लगभग 8 महीने पूर्व दुमका रेलवे स्टेशन पर कोयला डंपिंग यार्ड की शुरुआत की गयी. पाकुड़ के अमडापाड़ा से सड़क मार्ग से कोयला दुमका रेलवे स्टेशन पहुंचाया जाता है. इस कार्य में लगभग 300 हाईवा और ट्रक लगा हुआ है. औसतन प्रतिदिन प्रत्येक वाहन तीन से चार ट्रिप लगाता है. ट्रिप के अनुरूप वाहन मालिकों को कार्यकारी एजेंसी द्वारा रुपये दिया जाता है. ज्यादा से ज्यादा ट्रिप लगाने के चक्कर में हाईवा चालक बेलगाम हाईवा दौड़ा रहा है, जिससे आए दिन दुमका पाकुड़ मार्ग पर दुर्घटनाएं हो रही है और लोग असमय काल कलवित हो रहे हैं.
तीन लोगों की मौत
बता दें कि दुमका के सड़को पर एक सप्ताह में 3 दुर्घटनाएं हुई जिसमें 3 लोगों की जाने चली गई, जबकि तीन लोग घायल हुए है. दुर्घटना होने के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा सड़क जाम भी किया जाता है. मुआवजे की मांग की जाती है. घंटों मौत के इस मार्ग पर आवागमन बाधित रहता है. प्रशासन के समक्ष लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न होती है. जाम समाप्त करवाने में प्रशासन के पसीने छूट जाते हैं.
अंकुश लगाने की कवायद शुरू
इस मार्ग पर बेलगाम दौड़ रही हईवा की गति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दुमका समाहरणालय स्थित एसडीओ कक्ष में एसडीओ कौशल कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक हुई. बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, एसडीपीओ, मुफस्सिल थाना प्रभारी, पथ निर्माण विभाग के अधिकारी, जिला ट्रक ओनर एसोसिएशन के प्रतिनिधि और कोयला ढुलाई करने वाली कार्यकारी एजेंसी बीजीआर के प्रतिनिधि मौजूद रहे. बैठक के दौरान दुमका पाकुड़ मार्ग पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं पर कैसे अंकुश लगाया जाए इस बात को लेकर गहन मंथन हुई.
डीसी के निर्देश पर लिए गए अहम निर्णय
मीडिया से बात करते हुए एसडीओ कौशल कुमार ने कहा की डीसी के निर्देश पर यह बैठक आयोजित की गई. दुर्घटना को रोकने के लिए क्या कारगर कदम उठाए जाएं ताकि जान माल की छाती ना हो, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न ना हो, इसको लेकर कई निर्णय लिए गए है. जिसके अनुरूप सघन अधिवास वाले क्षेत्र में स्लाइडर बैरिकेडिंग लगाने का निर्णय लिया गया. ज़ेबरा क्रॉसिंग, ब्लिंकिंग लाइट के साथ साइनेज लगाने का निर्देश दिया गया. ट्रक ओनर एसोसिएशन से कोयला तथा गिट्टी ढोने वाले वाहनों की सूची उसके मालिक और चालक तथा सहचालक के नाम और मोबाइल नंबर के साथ 1 सप्ताह में देने का निर्देश दिया गया.
एसडीओ ने कहा कि बीजीआर कंपनी इस मार्ग के लिए 1 सप्ताह के अंदर दो एंबुलेंस देगी जो सेंटर पॉइंट पर रहेगी और दुर्घटना होने की स्थिति में घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके ताकि उसकी जान की रक्षा हो सके.
रिपोर्ट. पंचम झा