धनबाद(DHANBAD): ECL की बंद पड़ी कापासरा आउटसोर्सिंग में अवैध खनन करने गए अगर लोकल मजदूर नहीं होते ,तो यह बात दब जाती. हालांकि मैनेजमेंट और पुलिस मौत से इनकार कर रहे हैं. लेकिन घटना तो हुई है. रविवार की रात घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर स्थित तालाब में बड़ा सा gof बन गया और तालाब सहित नाले का पानी खदान के अंदर चला गया. खदान पूरी तरह से पानी से भर गई और उसमें कोयला काटने वाले लोग डूब गए. दो लाशे तो निकाली गई हैं. अन्य का आता-पता नहीं है. ठेकेदार भी लोकल थे और जिनके शव निकले हैं, वह भी स्थानीय थे. ठेकेदार भी शव उनके घरों के सामने रखकर भाग गए. उसके बाद तो हंगामा मच गया.
लोग बताते हैं कि इस खदान में कई मुहाने चलते हैं. बकायदे मुहानों के अलग-अलग नाम दिए गए थे. जैसे यादव कटिंग, हनुमान चढ़ाई, सियालकनाली कटिंग. यह सब मुहानों के नाम थे और यहां से निकलने वाले कोयले को भी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दर पर भेजने की व्यवस्था थी. कोयला तस्करों को मालूम था कि किस मुहाने से किस ग्रेड का कोयला निकलेगा और उसी हिसाब से दर तय कर कोयला बेचा जाता था. हालांकि ईसीएल मैनेजमेंट और पुलिस का कहना है कि जान माल की कोई क्षति नहीं हुई है.
जानिए कैसे हुआ हादसा
घटना के संबंध में कहा जाता है कि रोज की तरह रविवार की रात भी कोयला कटिंग का काम चल रहा था कि बगल स्थित तालाब में बड़े आकार का gof बन गया और पूरा पानी खदान में समा गया. तालाब तो अभी भी सूखा हुआ है. इसके बाद कोयला काट रहे लोग कुछ समझ पाते, तब तक पानी भर गया. लोग यह भी बताते हैं कि अगर कोयला काटने वाले लोकल मजदूर नहीं होते तो यह बात भी नहीं सामने आई होती. अमूमन कोयला तस्करों की व्यवस्था रहती है कि बंगाल सहित अगल-बगल के जिलों से मजदूर मंगाए जाते हैं .उन्हें रहने की व्यवस्था की जाती है. उन्हें लाने ले जाने के लिए पिकअप वैन रखा जाता है. रात को मजदूर मुहाने तक पहुंचते हैं और फिर रात भर कोयला काटते हैं. सुबह निकल जाते हैं. यह रोज का काम है लेकिन रविवार की रात उन मजदूरों के लिए काली रात बन गई.
कोयला अवैध खनन पर कब लगेगा रोक
अब सवाल उठता है कि इस घटना में आगे कोई कार्रवाई होगी अथवा लीपा पोती कर दी जाएगी. इस बीच इस बात की भी चर्चा है कि मृत लोकल मजदूरों को ठेकेदार ने कुछ मुआवजा भी दिया है. उसके बाद जल्दबाजी में लाशों की अंतिम क्रिया कर दी गई. सवाल उठता है कि अवैध खनन रोकने के लिए लगातार बैठकर होती है. निर्देश दिया जाता है बावजूद कोयले का अवैध खनन रुकता नहीं है.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो