धनबाद (DHANBAD): धनबाद की पूर्वी झरिया में शुक्रवार को अवैध उत्खनन के दौरान हुए हादसे के मामले में बीसीसीएल ने सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से किसी के मरने अथवा घायल होने की घटना से इनकार किया है. इसका प्रमाण है दर्ज कराई गई प्राथमिकी में परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार पांडे ने कहा है कि 9 जून को 11 बजे सूचना मिली कि भौरा दक्षिणी कोलियरी के 3 फीट गोल्डमाइंस के ट्रांसफार्मर के बगल में 12 नंबर बस्ती के पास फेंसिंग तोड़ कर कुछ अज्ञात लोग कोयला चुराने घुसे है. इसी क्रम में कुछ लोगों के ऊपर मिट्टी गिरने के कारण उनके दबे होने की आशंका थी.
इसे लेकर तुरंत प्रबंधन उक्त स्थल का निरीक्षण किया. इस क्रम में उस जगह पर एक शावेल मशीन से मलवा हटाकर देखा गया परंतु वहां कुछ नहीं मिला. वहां न कोई घायल व्यक्ति मिला और ना ही किसी का शव मिला. इसके बाद दोपहर 1 बजे के बाद एक व्यक्ति की लाश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने कुछ लोग लेकर आए और नारेबाजी करने लगे. उन लोगों ने कहा कि वह व्यक्ति खदान में मिट्टी से दबकर मर गया है. इसके बाद करीब 3 बजे वह लोग लाश लेकर चले गए. कहा है कि मीडिया में कुछ लोगों के मिट्टी में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं पाया गया. पुलिस प्रशासन से मांग है कि संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करें. ताकि भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो.
बीसीसीएल की प्राथमिकी कई सवालों को दे रहा जन्म
इधर एक अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीएल प्रबंधन ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पूर्वी झरिया में किसी की मौत नहीं हुई है और ना ही कोई घायल मिला है. बीसीसीएल की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी और प्रारंभिक रिपोर्ट कई सवालों को जन्म दे रहे है. बीसीसीएल प्रबंधन आखिर मामले की लीपापोती में क्यों लगा हुआ है. सैकड़ों आंखों के सामने लोग लाश निकाल कर ले गए, पुलिस भी वहां मौजूद थी. बावजूद यह कहना कि घटना में किसी की मौत नहीं हुई है और ना ही कोई घायल हुआ है. यह अपने आप में बीसीसीएल प्रबंधन के रवैए पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
बाल कल्याण की टीम द्वारा घटना स्थल का लिया गया जायजा
इधर, घटना के बाद डीजीएमएस, बाल संरक्षण आयोग और बाल कल्याण परिषद की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया है. अधिकारियों से पूछताछ की है. सबकी निगाहें अधिकारियों के निरीक्षण पर टिकी हुई है. बीसीसीएल द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इधर उपायुक्त द्वारा गठित 2 सदस्य टीम भी मामले की जांच कर रही है. सूत्र बताते हैं कि अवैध उत्खनन हो रहा था, लोग दबकर मरे भी हैं लेकिन अब परिजनों पर लक्ष्मी की कृपा बरसा दी गई है. शुक्रवार को जो परिजन डरने के बजाय अड़े हुए थे, वह अब कुछ कहने से भी बच रहे हैं. चर्चा है कि मृत के परिजन को 2लाख दस हजार और घायलों को 25-25 हजार का भुगतान किया गया है. यह भुगतान अधिकारियों के सामने हुआ है. बावजूद यह कहने को तैयार नहीं है कि भुगतान क्यों और किस फंड से किया गया. लेकिन इसके पीछे घटना पर लीपापोती का उद्देश्य ही माना जा रहा है.
रिपोर्ट. धनबाद ब्यूरो