धनबाद (DHANBAD) : सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच बटी झरिया में फिर एक लाश गिर गई. निरंजन तंतीर की जान चली गई. गुरुवार को कोयला चोरी, रंगदारी और वर्चस्व की जंग को लेकर झरिया में खूब बवाल हुआ. फायरिंग की गई, बम फोड़े गए, लाठियां भाजी गई, एक दूसरे के घर पर हमला बोला गया. इस खूनी संघर्ष में कम से कम 8 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें एक की जान चली गई. सिंह नगर गुलगुलिया पट्टी के दो पक्ष आपस में भिड़ गए. एक पक्ष सिंह मेंशन का समर्थक था तो दूसरा पक्ष रघुकुल का सपोर्टर.
बलि चढ़े हैं समर्थक
झरिया में गुरुवार को जिस प्रकार कानून व्यवस्था को अंगूठा दिखाते हुए फायरिंग और बम बाजी की गई, यह पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती है. सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच खूनी संघर्ष होते रहे हैं. इस संघर्ष में दोनों पक्ष के समर्थक बलि चढ़े हैं. फिर भी घटनाएं रुकती नहीं है. 29 जनवरी 2017 को पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रहे रंजय सिंह की सराय ढेला, चाणक्य नगर मोड़ के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रंजीत सिंह स्कूटी से कहीं जा रहा था तभी उसे घेरकर गोली मार दी गई. रंजय सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. फिर 22 मार्च 2017 को धनबाद के स्टील गेट के समीप पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनके वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई. नीरज सिंह के साथ और तीन लोगों की मौत हो गई थी. फिर 8 जनवरी 23 को सिंह मेंशन समर्थक अविनाश सिंह सोनू सिंह की देर रात गए तीसरा थाना मोड़ पर गोली मार दी गई. अविनाश सिंह को चेहरे और हाथ पर गोली लगी है. गंभीर हालत में सोनू सिंह कोलकाता के अपोलो अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. अविनाश के पिता सिंह मेंशन समर्थक है. इधर ,19 जनवरी 23 को सिंह नगर बस्ती में दोनों मजबूत घराने के समर्थक टकरा गए. इस टकराहट में निरंजन तांती की जान चली गई, जबकि 8 से अधिक लोग घायल हो गए. सवाल उठता है कि सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच बटी झरिया कब तक रक्त रंजीत होती रहेगी.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद