धनबाद(DHANBAD): डीटीएच रिचार्ज के नाम पर भी साइबर ठगी. धनबाद के एक व्यक्ति से 27000 रुपए ठग लिए गए हैं. ठगी का तरीका भी थोड़ा अलग हटकर है. ठगाए व्यक्ति ने धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. धनबाद के अनिल पाठक ने अपनी प्राथमिक में कहा है कि 6 महीने के लिए उन्होंने डीटीएच का रिचार्ज 15 फरवरी 2023 को कराया था. मैसेज में 31 जुलाई तक वैलिडिटी बताई गई थी. लेकिन 22 जुलाई को ही उनका रिचार्ज पैक खत्म हो गया. उन्होंने 23 जुलाई को इसकी शिकायत की, फिर 24 जुलाई को एक साल के लिए डीटीएच रिचार्ज कराया. 24 जुलाई की शाम फोन आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय अहमदाबाद का दिया. उसने बताया कि ₹50 का रिचार्ज करने पर एक महीने की वैलिडिटी बढ़ जाएगी. उन्होंने अपने डेबिट कार्ड से रिचार्ज कर लिया. कॉल करने वाले ने इसके बाद अनिल कुमार को एक ऐप डाउनलोड करने को कहा. ऐप डाउनलोड करने के बाद उनके खाते से साढे 27 हजार रुपए की निकासी कर ली गई. इधर, रांची हाई कोर्ट ने राज्य में साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की जानकारी मांगी है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक आफ इंडिया से 4 सप्ताह में यह बताने को कहा है कि साइबर अपराध रोकने के लिए अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं.
मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या-क्या और कार्य योजना भविष्य के लिए तैयार की जा रही है. अदालत ने कहा कि विस्तृत शपथ पत्र दाखिल होने के बाद ही अदालत इस पर आदेश पारित करेगी. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. इस संबंध में मनोज कुमार राय ने एक जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी की ओर से कहा गया है कि झारखंड के देवघर ,जामताड़ा और साहिबगंज में साइबर अपराधी सक्रिय है. बड़े पैमाने पर झारखंड से साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
साइबर ठगी पर रोकथाम के लिए अदालत से निर्देश जारी करने का आग्रह
अदालत से निर्देश जारी करने का आग्रह अपराधी झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में भी ठगी कर रहे हैं. पुलिस का साइबर सेल तो है लेकिन यह खास एक्टिव नहीं है. ऐसे में साइबर अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है .इस पर रोकथाम के लिए अदालत से निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है. सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक आफ इंडिया की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया. अदालत को बताया गया कि आरबीआई राज्य सरकार को साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकता. आरबीआई ने मोबाइल बैंकिंग से संबंधित नियम एवं निर्देश कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो