बोकारो - साइबर ठग का धंधा चल रहा है आजकल डिजिटल अरेस्ट का एक नया तरीका ढूंढ कर यह साइबर अपराधी लोगों को ठग रहे हैं. बोकारो से ऐसा ही मामला सामने आया है एक व्यक्ति से 9.30 लाख रुपया ठग लिया गया. कॉल करने वाले अपने को ट्राई का अधिकारी बताया. मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा.
डिजिटल अरेस्ट के इस मामले को जानिए विस्तार से
बोकारो के सेक्टर 4 के रहने वाले रामप्रवेश कुमार के पास एक फोन कॉल आए कॉलर ने कहा कि वह ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया का अधिकारी है. इस कॉलर ने रामप्रवेश कुमार को धमकाया कि उसके खाते में मनी लांड्रिंग के पैसे ट्रांसफर हुए हैं . यह पैसा 6 करोड़ 80 लाख रुपए है. इसी कॉलर ने एक अन्य व्यक्ति से बात कराई जिसे अपना परिचय सीबीआई अधिकारी के रूप में दिया.
साइबर अपराधियों ने उन्हें उन्हें डराते हुए कहा कि उसके खिलाफ 17 मामले मनी लांड्रिंग के है दर्ज हैं. खाते से 9.5 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा. यह कहा गया की जांच के बाद राशि लौटा दी जाएगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ उसके बाद से फोन बंद कर दिया गया. बीएसएल कर्मी राम प्रवेश कुमार को अब तक चूना लग गया था. वे 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रहे.
शेयर ट्रेडिंग और सुखाड़ राहत के नाम पर भी हुई ठगी
रामप्रवेश कुमार के अलावा साइबर लोगों ने शेयर ट्रेडिंग और सुखाड़ राहत के नाम पर भी दो अन्य लोगों से 894000 रुपए ठग लिए. जिले का साइबर थाना इस मामले का अनुसंधान कर रहा है. पुलिस ने कहा है कि इस तरह का किसी भी फोन को पर ध्यान नहीं देना है बल्कि इस संबंध में पुलिस को जानकारी देनी है.
इधर भारत सरकार ने जागरूकता के आधार पर कई तरह के कार्यक्रम चला रखा है. कॉलर ट्यून में भी इस तरह की जानकारी दी जा रही है यह साफ तौर पर कहा जाता है कि डिजिटल अरेस्ट करके कोई भी प्रावधान नहीं है.अगर किसी का ऐसा फोन आता है तो वह सीधा सीधी किसी फ्रॉड का हो सकता है.