दुमका(DUMKA): संथाल परगना का जामताड़ा साइबर अपराध की राजधानी माना जाता है. धीरे-धीरे साइबर अपराधी पूरे संथाल परगना में अपना पैर जमाने मे लगे हुए हैं. झारखंड की उपराजधानी दुमका भी इससे अछूता नहीं रहा. साइबर फ़्रॉड द्वारा नित नए-नए तकनीक अपनाए जा रहे हैं. पहले बैंक मैनेजर बनकर फ़ोन कॉल, फिर ओटीपी भेजकर, उसके बाद एप्प डाउनलोड करवा कर साइबर फ़्रॉड एकाउंट को खाली करते थे. लेकिन अब यह सब तकनीक पुराना हो चुका है.
बिना कॉल और ओटीपी के हो रहा अब फ्रॉड
हाल के दिनों में दुमका में एक नया ट्रेंड चल पड़ा है. खाताधारी को ना फ़ोन कॉल, ना ओटीपी, ना एप डाउनलोड करवाया जा रहा है, इसके बावजूद उसके खाता से रुपया निकल जा रहा है. कुछ दिन पूर्व यूको बैंक और एसबीआई बैंक के कई ग्राहक इस तरह के साइबर फ़्रॉड के शिकार हुए थे. मोबाइल पर रुपया निकासी का मैसेज मिलने पर खाताधारक को पता चला कि उनके एकाउंट से रुपए की अवैध निकासी हुई है. इस स्थिति में भी ब्रांच से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती.
दो लोगों के बैंक खाते से गायब हो गए रुपए
ताजा मामला आईसीआईसीआई बैंक के दुमका ब्रांच के दो खाताधारक का है. सुदीप्त नंदी और मुकेश कुमार नामक युवक ने नगर थाना पहुंच कर ब्रांच से अवैध तरीके से रुपया निकासी की लिखित शिकायत की है. खाता धारक सुदीप्त नंदी के एकाउंट से दो बार में 15600 जबकि मुकेश कुमार के खाता से 2 क़िस्त में 20 हजार रुपए की निकासी कर ली गयी. दोनों का कहना है कि ना तो उन्होंने ऑन लाइन मार्केटिंग किया है और ना ही कोई फ़ोन कॉल आया और ना ही ओटीपी. सुबह मोबाइल में मैसेज आने पर दोनों को खाता से रुपया निकासी का पता चला. दोनों का कहना है कि ब्रांच कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है. सिर्फ इतना बताया गया कि एक निकासी कल देर रात हुई है जबकि दूसरी निकासी आज सुबह 6 बजे के करीब. दोनों ने नगर थाना में आवेदन देकर रुपये वापसी की गुहार लगायी है. जिसकी प्रतिलिपि ब्रांच के साथ-साथ साइबर सेल को भी दिया गया है. पुलिस भी इसे साइबर अपराध से जोड़कर देख रही है. साइबर अपराध के नित नए तकनीक से पुलिस भी सकते में है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका