दुमका(DUMKA): आज पूरा देश विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की आराधना में लीन है. झारखंड की उपराजधानी दुमका में भी सरस्वती पूजा की धूम है. इस सबके बीच जिला के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में बसंत पंचमी के मौके पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही श्रद्धालु कतार बद्ध होकर फौजदारी बाबा पर जलार्पण कर रहे है.श्रद्धालुओं द्वारा सुगम जलार्पण के लिए मुकम्मल प्रशासनिक व्यवस्था की गई है.
आज के दिन भगवान भोलेनाथ का तिलकोत्सव
दरअसल बसंत पंचमी से बासुकीनाथ धाम में शिव बारात की तैयारी शुरू हो जाती है. आज के दिन भगवान भोलेनाथ का तिलकोत्सव होता है. तिलकोत्सव को लेकर काफी संख्या में मिथिलांचल के शिव भक्त बासुकीनाथ धाम पहुचे हैं.
मां पार्वती को सीता का रूप माना जाता है और सीता का मायका मिथिलांचल होने के नाते मिथिलांचल के शिव भक्त प्रत्येक वर्ष तिलकोत्सव में शामिल होने बासुकीनाथ धाम पहुचते हैं. इस बाबत पंडा धर्मरक्षिणी के अध्यक्ष मनोज पंडा का कहना है कि मिथिला के लोग अपने आप को बाबा का साला समझते हैं. इसलिए ज्यादातर मिथिलांचल से लोग तिलक उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं. देर शाम मंदिर प्रांगण में विधिवत तिलक उत्सव का कार्यक्रम होगा. तिलकोत्सव के बाद शिव भक्त अपनी मनोकामना को लेकर महादेव के पास अर्जी लगाएंगे. ऐसी मान्यता है फौजदारी दरबार में पहुंचकर अर्जी लगाने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.
क्या कहते हैं शिव भक्त
बासुकीनाथ पहुंचे शिवभक्त का कहना है हर साल के भांति इस वर्ष भी बाबा से अर्जी लगाने के लिए आए हैं और बाबा मेरी अर्जी को जरूर पूरा करेंगे. इस उत्सव में शामिल होना हम लोगों के लिए एक वरदान से कम नहीं है. महादेव के बिना अनुमति के इस उत्सव में कोई शिव भक्त शामिल नहीं हो सकता है.
रिपोर्ट: पंचम झा