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सिमडेगा के केतुंगा शिवधाम में कांवरियों की भीड़ उमड़ी, जानिए क्या है इस धाम की मान्यता

सिमडेगा के केतुंगा शिवधाम में कांवरियों की भीड़ उमड़ी, जानिए क्या है इस धाम की मान्यता

सिमडेगा - झारखंड में बाबा धाम के अलावा भी कई ऐसे पावन स्थल है जहां सावन के पवित्र महीने में भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक होता है इनमें से एक सिमडेगा जिले का केतुंगा शिवधाम है. बताया जाता है कि यह त्रेता युग से जुड़ा हुआ धार्मिक स्थल है. बड़ी संख्या में कांवरिया सावन की प्रत्येक सोमवारी को भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं आज यानी 5 अगस्त को भी यहां बड़ी संख्या में कांवरिया पहुंच रहे हैं.

जानिए इस केतुंगा शिव धाम के बारे में विस्तार से

झारखंड के सिमडेगा जिले का यह धार्मिक स्थल बहुत ही पुराना है.बताया जाता है कि त्रेता युग से इसका संबंध रहा है.यहां पर भगवान भोले शंकर साक्षात प्रकट हुए थे. लोगों की मान्यता है कि भगवान यहां पर विराजते हैं. सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में केतुंगा धाम स्थित है. भगवान भोले शंकर के यहां जो भी भक्त आता है उनका दुख दूर हो जाता है. निवारण हो जाता है जिन स्त्रियों को पुत्र नहीं होता है. उनके यहां आकर पूजा करने से उनकी यह मनोकामना पूरी हो जाती है. कहा जाता है कि मौर्य काल के महान शासक अशोक सम्राट भी यहां आकर भगवान भोले शंकर की पूजा किए थे. पड़ोसी राज्य ओडिशा और छत्तीसगढ़ से हजारों की संख्या में कांवरिया यहां आकर जलाभिषेक करते हैं.
       
इस पवित्र स्थान के धार्मिक महत्व को जानिए

केतुंगा धाम में भगवान भोले शंकर का विशाल शिवलिंग है. कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान शिव के पुत्र श्वेत केतु के द्वारा इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी .मान्यताओं के अनुसार श्वेत केतु भगवान शिव के मानस पुत्र थे. यह भी कहा जाता है कि जब यहां पर शिवलिंग की स्थापना हुई तब एक गाय यहां पर आकर अपने थन से दूध अर्पित करती थी. गाय का मालिक जब यह देखा तो उसे गुस्सा आ गया उसने अपनी गाय को करने के लिए कुल्हाड़ी उठा ली तभी भगवान शिव वहां पर साक्षात प्रकट हुए. उसे भस्म कर दिया और कहा जाता है कि देव नदी के पास पड़े एक पत्थर के रूप में वह अभी भी स्थित है.

श्रद्धालुओं की यह मानता है कि भगवान भोले शंकर कैलाश पर्वत से शुक्रवार को उतरकर केतुंगा धाम पहुंच जाते हैं और यहां तीन दिनों तक यानी शनिवार रविवार और सोमवार तक विराजते हैं. फिर वापस कैलाश धाम चले जाते हैं. हजारों हजार की संख्या में कांवरिया यहां आकर 5 अगस्त दिन सोमवार को जलाभिषेक कर सुख, समृद्धि की कामना की.

Published at:05 Aug 2024 11:30 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Simdega newsKetunga dham Crowd of devotees gathered in simdega Shiv bhaktThird somwari of sawan Sawan 2024
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