चाईबासा (CHAIBASA) : चाईबासा में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद है. इसका जीता-जाता उदाहरण शनिवार की शाम देखने को मिला. चक्रधरपुर में तीन अपराधियों ने एक राजनीतिक संगठन का संचालक करने वाले व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया. बता दें कि अपराधियों ने बम मारकर गिरिराज सेना के संरक्षण कमल देवगिरी की हत्या कर दी. बम विस्फोट की आवाज से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने बलदेव को रेलवे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया.
भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन
बलदेव सिंह चक्रधरपुर के एक नामी ग्रामीण व्यक्ति थे. राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनका नाम था. बता दें कि बलदेव बजरंग दल के सक्रिय सदस्य और खुद गिरिराज सेना नाम से हिंदूवादी संगठन का संचालन करते थे. ऐसे में उनकी हत्या की सूचना पर उनके संगठन के कार्यकर्ता भारी संख्या में अस्पताल पहुंचे जहां स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. उनके शव को रेलवे अस्पताल से दूर पवन चौक के पास सड़क पर रखकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की गई. आक्रोशित लोगों ने टायर जलाकर चक्रधरपुर रांची मुख्य मार्ग को भी कई घंटों तक जाम कर दिया. कई घंटों के हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद कमल देव सिंह की मां के कहने पर शव को सड़क से हटा कर उनके आवास पर पहुंचाया गया.
मुस्लिम इलाके में हुई हत्या
जिस जगह अपराधियों ने कमल देव सिंह की हत्या की वह मुस्लिम बहुल इलाका है घटना के बाद दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दी. पूरा शहर छावनी में तब्दील कर दिया गया. वही जाम के दौरान विशेष समुदाय ने राजबाड़ी रोड और अन्य जगह पर पथराव भी किया. बिगड़ते माहौल को देखते हुए सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ को उतारा गया. प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी.
अगस्त में ही मिली थी जान से मारने की धमकी
जानकारी के अनुसार कमल देव को अगस्त में ही अज्ञात अपराधियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. ऐसे में घात लगाए अपराधियों ने बीते दिन इस घटना को अंजाम दिया. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो इलाके में शाम के वक्त सब कुछ सामान्य था. इस दौरान लगभग शाम 6:30 बजे कमलदेव अपने साथी शंकर सिंह के साथ बाइक से रेलवे स्टेशन की तरफ से लौट रहे थे. इस दौरान वह दोनों भारत भवन स्कूल के पास रुके. वहां पहले से ही 3 युवक बैठे हुए थे. तीनों ने मौका देखा और कमलदेव पर पीछे से तीन बम से हमला कर दिया. पहला बम कमल देवगिरी के सिर पर लगा और वो घायल हो गए. तभी एक अपराधी ने उनके साथ ही शंकर सिंह को भागने की धमकी दी. इसके बाद अपराधियों ने कमल देव के शरीर पर कई बम फेंके और मौके से फरार हो गए.