धनबाद (DHANBAD) : बोकारो पुलिस को मिली सफलता से कम से कम तीन राज्यों की पुलिस को बड़ी राहत मिली होगी. बंगाल, बिहार और झारखंड में इस गिरोह की सक्रियता से पुलिस परेशान थी. चार लोगों के इस गिरोह पर 30 से अधिक मामले दर्ज है. यह चारों झपटमार गिरोह के पेशेवर अपराधी है. इनमें तीन बंगाल के रहने वाले हैं, जबकि एक ओड़िशा का निवासी है. फिलहाल बोकारो को ठिकाना बनाकर यह गिरोह छिनतई का काम करता था. बताया जाता है कि झारखंड, बिहार और बंगाल में उनके खिलाफ 31 मामले दर्ज है. बोकारो पुलिस ने इस गिरोह की गिरफ्तारी की सूचना झारखंड पुलिस मुख्यालय समेत बिहार, बंगाल और ओड़िशा पुलिस को दी है.
अन्य राज्यों की पुलिस भी इन्हें ले सकती है रिमांड पर
हो सकता है कि जिन-जिन राज्यों में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है , वहां की पुलिस इन्हें रिमांड करे. जानकारी के अनुसार बैंक के भीतर रैकी करने में यह गिरोह एक्सपर्ट है. पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि अपराध को अंजाम देने के पहले वह लोग दो ग्रुप में बट जाते थे. एक ग्रुप बैंक और डाकघर में भीतर जाकर ग्राहकों की रेकी करता था. फिर बैंकों से जो लोग पैसे निकाल कर बाहर जाते, उनकी सूचना दूसरे ग्रुप को दे देता था. जिसके आधार पर दूसरा ग्रुप पीछा करते हुए सुनसान स्थान पर पहुंच जाता था और छिनतई कर लेता था. या फिर अगर कोई बाइक की डिक्की में पैसा रखकर निकला है, तो डिक्की तोड़ने में भी इन्हें समय नहीं लगता. चास एसडीपीओ ने बताया कि आरोपियों के पास से चोरी की तीन बाइक बरामद की गई है. जो पटना से चोरी की गई थी. आरोपी उनका नंबर प्लेट बदलकर अपराध में इस्तेमाल कर रहे थे.
बाइक की डिक्की तोड़ने का औजार भी बरामद
इसके अलावा बाइक की डिक्की तोड़ने का औजार भी बरामद हुआ है. जिनकी गिरफ्तारी हुई है, उनमें दीपक राव, अर्जुन राव, विक्रम राव पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के रहने वाले हैं, जबकि प्रकाश दास ओडिशा का रहने वाला बताया गया है. यह सभी चीराचास में भाड़े के मकान में रहकर अपराध की घटनाओं को अंजाम देते थे. एक तरह से कहा जाए तो बोकारो-धनबाद के लिए तो आतंक का पर्याय बन गए थे. पुलिस के अनुसार आरोपी दीपक राव पर विभिन्न प्रदेशों में 10 मामले अंकित है. प्रकाश दास पर कई राज्यों में 9, अर्जुन राव पर छह और विक्रम राव पर भी छह मामले दर्ज है. यह सभी झपटमार गिरोह के पेशेवर अपराधी है. यह गिरोह एक जगह घटना को अंजाम देकर दूसरी जगह शिफ्ट कर जाता था. जिस वजह से पुलिस भी उन्हें नहीं पकड़ पाती थी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो