रांची(RANCHI): जेल ऐसी जगह होती है जहां किसी भी वारदात को अंजाम देने वालों को बंद रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि कोई अपराधी जेल जाने के बाद सुधर जाएगा और जब उसे जमानत मिलेगी तो एक नई जिंदगी की शुरुआत हो जाएगी.लेकिन यह बात सिर्फ कहने और सुनने को अच्छी लगती है. झारखंड के जेलों में बंद दबंगों की जेल में भी दबंगई कम नहीं होती है. जेल में बंद अन्य बंदियों के पैसे से लेकर अन्य समान को आधा अपने पास रख लेते हैं. इसका खुलासा हाल के दिनों में बिरसा मुंडा जेल में हुई छापेमारी से हुआ है.
कैदियों ने रांची उपायुक्त से की शिकायत
जेल में छापेमारी के दौरान सौ से अधिक कैदियों ने अपनी समस्या को पलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित में दिया है. कैदियों ने अपनी पीड़ा दर्द रांची उपायुक्त से भी साझा की है, सभी कैदी को उम्मीद है कि उनकी बातों पर कोई ना कोई कार्रवाई जरूर होगी. कैदियों ने बताया है कि अगर उनके परिजन एक हजार रुपया भेजते है तो उसमें दो सौ कमीशन रख लिया जाता है. इसके साथ ही जेल में मिलने वाली कई सुविधा भी सभी कैदियों को नहीं मिलती है. बल्कि जो दबंग है उन्हे एक इशारे पर सभी चीज उपलब्ध हो जाती है.
जेल में अपराधी और अधिकारियों के बीच रहती है साठ-गाठ
इतना ही नहीं जेल में बंद कैदियों ने प्रशासनिक महकमों को बताया है कि जेल में बंद अपराधी और अधिकारियों के बीच साठ गाठ रहती है. अपराधियों के साठ गाठ के वजह से ही जेल में किसी तरह की वारदात को अंजाम दे देना बिल्कुल आसान है. धनबाद जेल में भी यह देखने को मिला है,जिस तरह से जेल के अंदर हत्या हुई इसमें खाद्यान के झोले में हथियार जेल के अंदर भेज दिया गया. रांची के जेल में भी जिस कंपनी को खाद्य सामग्री का जिम्मा है वह करीबन दस साल से काम कर रही है.
पूरे प्रकरण होगी न्यायिक जांच
अब इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाएगी. न्यायिक जांच के लिए रिटायर्ड न्यायाधीश वीरेंद्र नाथ पांडे के नेतृत्व में एक कमिटी गठित की गई है. कमिटी जांच पूरी करने के बाद दो माह में जेल की पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजेगी. रिटायर्ड जज बिरसा मुंडा जेल में कई बिंदुओं पर जांच करेंगे.जिससे सभी चीजे साफ हो सके. अगर कोई अधिकारी की भूमिका भी इस आरोप में आती है तो साफ है कि उनपर भी गाज गिरने वाली है.
तीन दिसंबर को गैंगस्टर अमन सिंह की हुई थी हत्या
बता दे कि तीन दिसंबर को धनबाद जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या गोली मार कर कर दी गई थी. इसके बाद जेल प्रशासन पर सवाल खड़ा होने लगा.इस वारदात के बाद ही झारखंड के सभी जेल में औचक छापेमारी की जा रही है. सभी जेलों में एक साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अलग अलग जांच करने पहुंच रहे है.