धनबाद(DHANBAD) : झारखंड में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट अब तेज हो गई है. इसी साल मई या जून महीने में संभव है कि नगर निकाय के चुनाव करा लिए जाए. हो सकता है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 2024 में जारी मतदाता सूची के आधार पर चुनाव हो जाए. बता दें कि ओबीसी ट्रिपल टेस्ट के लिए 2020 से ही चुनाव लटका हुआ है. झारखंड के निकायों में चुनाव नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधियों के बजाय अधिकारियों के भरोसे कामकाज चल रहा है. चुनाव नहीं होने से केंद्र से मिलने वाली राशि पर रोक लगा दी गई है. धनबाद में भी 2020 से ही नगर निगम का चुनाव लंबित है. इधर, झारखंड पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश पर नगर निकाय चुनाव में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की पात्रता को निर्धारित करने के लिए धनबाद नगर निगम के सभी 55 वार्डों में डोर-टू डोर सर्वेक्षण कार्य किए गए थे.
सर्वे की रिपोर्ट वेबसाइट पर हो गई है जारी
अब सर्वे की रिपोर्ट जिला प्रशासन और नगर निगम की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार धनबाद के 55 वार्ड में से 40 वार्ड में ओबीसी वोटरों की संख्या 50% से कुछ ज्यादा है. 31 जनवरी तक दावा और आपत्ति का समय दिया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि वेबसाइट रिपोर्ट में कई वार्डो का उल्लेख नहीं है. वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने वाले इसे ढूंढ रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं मिल रहा है. सूत्र बताते हैं की रिपोर्ट में वार्ड नंबर 5,7 ,8, 9,13, 28, 29 का आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. झारखंड हाई कोर्ट ने पिछले साल ही 4 जनवरी को 3 सप्ताह में चुनाव कराने का निर्देश दिया था. लेकिन सरकार ने अपील दायर कर ट्रिपल टेस्ट के बाद ही चुनाव कराने का आग्रह किया था. खंडपीठ ने सरकार की याचिका को खारिज कर दी थी. अब एक बार फिर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. बता दें कि निकाय चुनाव नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने राशि रोक दी है.
राज्य सरकार पर भी चुनाव कराने का है दबाव
इस वजह से राज्य सरकार पर भी चुनाव का दबाव है. इधर निकाय चुनाव लड़ने वाले भी लगातार आंदोलन कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव हो जाए. धनबाद में नगर निगम का गठन 2006 में हुआ था. 2010 में पहली बार निगम का चुनाव हुआ. जिसमें इंदु देवी मेयर चुनी गई थी. उस समय मेयर की कुर्सी महिला के लिए आरक्षित थी. फिर 2015 में चुनाव हुए, जिसमें शेखर अग्रवाल मेयर चुने गए. उस समय यह सीट ओबीसी के लिए रिजर्व थी. अब 2025 में संभवत चुनाव होगा. आरक्षण रोस्टर को लेकर भी चर्चा है. चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग परेशान है. आरक्षण रोस्टर को लेकर भी उनकी चिंता है. जो भी हो लेकिन 2025 के मई या जून में चुनाव होने की संभावना बढ़ती जा रही है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो