देवघर(DEOGHAR): देवघर में एक बार फिर से कोरोना अपना पांव फैला रहा है. जिला में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ रही है. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है. फिलहाल 13 संक्रमित मरीज में से 11 शहरी क्षेत्र से हैं जबकि दो सारवां और जसीडीह क्षेत्र के है. इस वर्ष का पहला संक्रमण का मामला 17 मार्च को सामने आया था. जब एक मैट्रीक की परीक्षा देने वाला परीक्षार्थी को संक्रमित पाया गया था. इसके बाद से कोरोना संक्रमणों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
जिला में 13 एक्टिव मरीज
बात अगर कोविड जांच के लिए सैंपलकलेक्शन की करें तो इसकी रफ्तार जिला में काफी सुस्त है. सदर अस्पताल को छोड़ कर पूरा जिला भर में कहीं भी कोविड जांच के लिए सैंपल कलेक्ट नहीं किया जा रहा है. सदर अस्पताल में भी सिर्फ रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से ही सैंपल को क्लेक्ट किया जा रहा है. जिला में सिर्फ एक जगह पर सैंपल टेस्ट होने से ही अभी तक 13 एक्टिव मरीज सामने आ पाए है. अगर सभी जगहों पर सैंपल क्लेक्ट किया जाए तो संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता. इसको लेकर संबंधित विभाग की ओर से जिला के सदर अस्पताल सहित अनुमंडल अस्पताल व तमाम सीएचसी व एचएससी के चिकित्सा प्रभारियों को पत्राचार कर सैंपल कलेक्शन का दायरा बढ़ाने को कहा गया है. साथ ही कोविड के मामले सामने आने पर आरटीपीसी व डब्ल्यूजीएस कराने को भी कहा गया है.
स्वास्थ्य मेला का आयोजन लेकिन मधुपुर व सारठ में एक भी सैंपल कलेक्ट नहीं
29 मार्च से चार अप्रैल तक प्रखंडवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन भी किया गया था. जहां रैपिड किट से कोविड जांच करने को लेकर प्रतिदिन के हिसाब से लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था. लेकिन अनुमंडल अस्पताल मधुपुर व सारठ में एक भी सैंपल कलेक्ट कर जांच नहीं की गई. उस समय दी गई लक्ष्य का मात्र 24.1 प्रतिशत ही लक्ष्य की प्राप्ति से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांचकर्ता और स्वास्थ्य विभाग इसके प्रति कितना गंभीर है. विशेष कोविड जांच अभियान के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति (मार्च 29 से अप्रैल चार तारीख तक) यानी एक सप्ताह का आंकड़ा देख आप अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं इसके प्रति गंभीरता को.
जांच का आंकड़ा
सदर अस्पताल-300 प्रतिदिन के हिसाब से जांच करना था एक सप्ताह में 2100 को लेकिन जांच हुई. महज 782 लोगों का जिसका लक्ष्य प्राप्ति का 36 प्रतिशत ही हो पाया था. अब अनुमंडल अस्पताल मधुपुर की बात करें तो 600 प्रतिदिन करना था लेकिन वहा सप्ताह भर में एक भी जांच नहीं हो पाया. पालोजोरी में 4200 में मात्र 7 लोगों का ही हुआ था जांच,करौं में 3850 में से महज 42 का,मोहनपुर में 4200 में मात्र 15, सारठ में 4200 लक्ष्य के ऐवज में उपलब्धी शून्य, सारवां में 3500 में से 108, देवीपुर में 3500 में से मात्र 77 की हुई थी जांच. जसीडीह 3150 के लक्ष्य के तहत 98 लोगों का ही जांच की गई .
कोरोना की पकड़ती रफ्तार को देखते हुए अब माक ड्रिल कर तैयारियों का किया जाएगा आकलन
आगामी 10 व 11 अप्रैल को कोरोना संक्रमण को लेकर कितने तैयार हैं हम इसको लेकर माक ड्रिल कर आकलन करने का स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है. मॉकड्रिल के दौरान जिले में बेड की स्थिति,दवा,आक्सीजन सिलिंडर,वेंटिलेटर,आक्सीजन कंसंट्रेटर सहित कोरोना संक्रमण से जुड़ी तमाम चीजों का आकलन किया जाएगा. साथ ही यह भी पता लगाया कि संक्रमण के गंभीर मामला सामने आने के बाद हुई तैयारी कितनी कारगर साबित होगी. वहीं राज्य सरकार भी जिलास्तर पर की जा रही तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक करेगी. देवघर में 168377 लोगो को प्रिकाशन डोज देने का लक्ष्य निर्धारित था लेकिन मात्र 44 प्रतिशत यानी 74054 लोग ही प्रिकाशन डोज ले सके थे. विभागीय उदासीनता के कारण पिछले दिनों कोविड-19 वैक्सीन का 1.95 लाख डोज नष्ट कर दिया गया था. दरअसल वैक्सीन एक्सपायर हो जाने की वजह से इसे नष्ट कर दिया गया था. यह वेक्सीन क्षेत्रीय वैक्सीन सेंटर में रखा 1,32,960 को-वैक्सीन , 450 जेई वैक्सीन व देवघर जिला का 62,480 को-वैक्सीन व 150 कोविशिल्ड वैक्सीन एक्सपायर हो गया था. जिसे सरकार के गाइड लाइन के अनुसार गर्म पानी में खोलाने के बाद उसमें ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे गड्ढा के अंदर दबा दिया गया. उक्त वैक्सीन पर दिसंबर से मार्च तक की तिथि अंकित थी. एक्सपायर होने की मुख्य वजह लोगों का प्रिकाशन डोज नहीं लेना माना जा रहा है. संक्रमण की रफ्तार सुस्त पड़ते ही पहले दो डोज ले चुके अधिकांश लोगों ने प्रिकाशन डोज लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिस प्रकार इन दिनों देवघर में कोरोना की रफ्तार पकड़ रही है और विभागीय तैयारी न के बराबर होने से कई सवाल उठना लाजमी है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
