टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-राजधानी रांची के मोहराबादी मैदान विभिन्न मांगों को लेकर राज्य के प्रदेश जिले के रसोईया और संयोजिका जुटे. झारखंड प्रदेश रसोईया संघ के बैनर तले सभी ने यहां भागीदारी निभायी. इसे लेकर अच्छी-खासी भीड़ भी देखने को मिली. कार्यक्रम को लेकर प्रदेश रसोईया संघ के पदाधिकारी अजीत प्रजापति ने रसोईयों की व्यथा सुनाई. उनका कहना था कि राज्य भर में करीब ढाई लाख रसोईया और संयोजिका काम कर रहे हैं. लेकिन, उन्हें बेहद ही कम वेतन दिया जा रहा है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. परिवार चलाना भी काफी मुश्किल हो जाता है.
1900 रुपए मिलता है वेतन
बताया गया है कि पिछले बीस साल से रसोईयों का वेतन नहीं बढ़ा रहा है.आज के इस महंगाई के जमाने में महज 1900 रुपए महीने वेतन मिलता है. स्कूलों में खाना बनाने के इस काम के दौरान इतनी कम तन्खवाह से परिवार का पेट पालना कठीन हो गया है. महाजुटान में पहुंचे रसोईयों ने अपने दर्द को साझा करते हुए बताया कि महज प्रतिदिन 66 रुपए मिलने से जिंदगी की गाड़ी खिंचनी काफी मुश्किल है. एक महीने तक लगातार काम करने से इतनी न्यूनतम वेतन से काफी दिक्कतें महसूस होती है. राज्य सरकार आश्वासन तो देती है, लेकिन अभी तक इस पर अमल नही किया गया है.
नये साल में हड़ताल की धमकी
झारखंड प्रदेश रसोईया संघ की अध्यक्ष अनिता केसरी ने बताया कि इस महासम्मेलन में मंत्री जोबा मांझी और मंत्री मिथिलेश ठाकुर पहुंचेंगे. उनसे जल्द से जल्द वेतन बढ़ाने का आग्रह किया जाएगा. अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तो नये साल जनवरी में सभी रसोईया औऱ संयोजिकाएं हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएगी.
क्या है इनकी मांग
झारखंड प्रदेश रसोईया संघ ने राज्य सरकार से हरेक का वेतन न्यूनतम 18 हजार रुपए देने की मांग की है. सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा से जोड़ने के साथ ही सभी रसोईया को राज्य के कर्मचारी का दर्ज दिया जाए. समय-समय पर सभी रसोईया औऱ संयोजिका को ड्रेस मुहैय्या कराने की भी मांग की गई. इसके अलावा अन्य सरकारी सुविधाएं भी दी जाए.