रांची : झारखंड बीजेपी में फिलहाल एक विवाद देखा जा रहा है. खास तौर पर मोर्चा के गठन में विवाद देखने को मिल रहा है. पार्टी के सूत्रों के अनुसार मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों ने कई स्थान पर मनमानी की है. इससे पार्टी के अंदर अंदरूनी कलह शुरू हो गया है. प्रदेश संगठन महामंत्री तक बात पहुंच गई है. इधर कुछ मोर्चा के पदाधिकारी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
जानिए क्या है विवाद मोर्चा के गठन में
भारतीय जनता पार्टी में सात मोर्चा है. अल्पसंख्यक मोर्चा, किसान मोर्चा, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नाम से इन्हें जाना जाता है. बाबूलाल मरांडी के अध्यक्ष बनने के बाद लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले मोर्चा के अध्यक्षों को इधर-उधर किया गया लेकिन अधिकांश मोर्चा के अध्यक्ष पुराने ही रह गए. युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष बदले गए. किसान मोर्चा अल्पसंख्यक मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष पुराने ही रह गए. इन लोगों ने अपनी टीम को इधर पुनर्गठित किया है. आरती सिंह दोबारा महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनीं. कुछ दिनों पूर्व उन्होंने प्रदेश पदाधिकारी की टीम बनाई है. जिस पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मोहर लगाई. इसमें भी गड़बड़ी की बात आ रही है. पदाधिकारी के चयन में क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का ध्यान नहीं रखा गया है.
अनुसूचित जाति मोर्चा में भी विवाद
अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष किशुन कुमार दास ने प्रदेश पदाधिकारी की जो टीम तैयार की है, उससे मोर्चा के अंदर के लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. एक पदाधिकारी ने तो इस्तीफा भी दे दिया.नाम नहीं छापने की शर्त पर मोर्चा के पदाधिकारी ने कहा कि पदाधिकारी की टीम में सामंजस्य का अभाव है. मोर्चा के लोगों ने प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह से मुलाकात की और अपनी भावना से अवगत कराया कर्मवीर सिंह ने विषय को देखने का आश्वासन दिया है. महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह ने वैसे तो बताया कि कहीं कोई विवाद नहीं है. परंतु अंदरखाने से खबर आ रही है कि कई लोगों ने प्रदेश संगठन महामंत्र कर्मवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया है.