धनबाद(DHANBAD): चुनाव के पहले टिकट के लिए दौड़ भाग की. गणेश परिक्रमा की. अब मंत्री बनने के लिए रांची और धनबाद एक कर दिए हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री पद पाने के लिए कोई दिल्ली में जमा है, तो कोई निराश होकर लौट भी आया है. 28 नवंबर को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री की शपथ ली. उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार लंबित है. इस बीच निर्णय हुआ है कि 5 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. 28 तारीख को जब हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री की शपथ ली तो इंडिया गठबंधन के लगभग तमाम नेता मौजूद थे. मंत्रिमंडल विस्तार और शपथ ग्रहण के दौरान भी गठबंधन के प्रमुख दलों के बड़े नेताओं की मौजूदगी रहेगी.
इधर, कांग्रेस में मंत्री के चार पदों के लिए विधायकों ने जोर लगाया है. रांची से लेकर दिल्ली तक चक्कर लगाए. आला नेताओं से मिलकर अपने पक्ष में लॉबिंग की. 28 नवंबर के बाद यह सर गर्मी तेज हो गई थी. जो अब गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार के साथ खत्म हो जाएगी .चुकी कांग्रेस कोटे के मंत्रियों का नाम दिल्ली दरबार को तय करना है. इसलिए कई विधायक बुधवार को भी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. हो सकता है कि आज रात तक सभी रांची लौट जाए. ऐसे में कुछ के हाथ निराशा लगेगी तो कुछ को खुशी मिलेगी. इस बार कांग्रेस में दो बार चुनाव जीतकर आने वालों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में विधायकों की दावेदारी भी मजबूत हुई है. कई विधायक तो पहले मिलकर लौट चुके हैं. झारखंड के कई कांग्रेस के नेता, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य मंत्रियों के पक्ष में लॉबिंग की. अभी तक नाम की घोषणा नहीं हुई है.
झारखंड में कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल राजनीति के केंद्र में है. मंत्री बनने की इच्छा रखने वाले सभी विधायकों ने अपनी अपनी बात उन तक पहुंचाई है. यह भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और राहुल गांधी फिलहाल झारखंड के कांग्रेस विधायकों से दूरी बनाए हुए हैं. और वेणुगोपाल ही मामले को समझ और सुलझा रहे हैं. हो सकता है कि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की सूची बुधवार की शाम तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिल जाए. वैसे झारखंड मुक्ति मोर्चा में भी मंत्री बनने की होड़ मची हुई है.
इस बीच यह भी चर्चा तेज है कि 12 वें मंत्री का पद फिलहाल खाली रखा जाएगा. रघुवर दास सरकार में 12 वे मंत्री का पद अंत तक खाली रहा. 2019 में भी गठबंधन की सरकार के शुरुआती काल में 12 वे मंत्री का पद खाली रहा, लेकिन बाद में इसे भरा गया.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो