चाईबासा (CHAIBASA) : सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र की सबसे हॉट और सुर्खियों में रहने वाली जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर सबकी नजर है. हो भी क्यों न, पच्चीस साल तक कोड़ा दंपत्ति के राज वाली यह सीट है, इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. मालूम हो कि गीता कोड़ा 2019 में सिंहभूम लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से सांसद थीं.
इस लोकसभा चुनाव से पहले कोड़ा दंपत्ति भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी से डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हार गई थीं. अब इस विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. पहले चरण में 43 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है, जिसमें जगन्नाथपुर विधानसभा भी शामिल है. मतदान संपन्न होने के बाद के पांच दिनों में सभी दल और नेता के साथ-साथ प्रत्याशी भी अपनी जीत-हार का आकलन करने में जुटे हैं, लेकिन इस आकलन में केंद्र बिंदु बने हुए हैं मंगल सिंह बोबोंगा.
भाजपा को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि मंगल सिंह बोबोंगा को कितने वोट मिल रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि बोबोंगा को कम या ज्यादा वोट मिलने से भाजपा की जीत या हार तय होगी. मतदान समाप्त होने के बाद से पूरे क्षेत्र से जो रुझान सुनने और देखने को मिल रहा है, वह यह है कि बोबोंगा को ईसाई और अल्पसंख्यक समुदाय का वोट नहीं मिला है.
सूत्रों के अनुसार खबर सामने आ रही है कि दोनों समुदाय अंतिम समय में कांग्रेस उम्मीदवार सोना राम सिंकू की ओर मुड़ गए हैं. जिससे भाजपा को झटका लगता दिख रहा है. जानकारी के अनुसार बोबोंगा को उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस का वोट नहीं मिल पाया है, जिससे भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना जताई गई है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस उम्मीदवार सोना राम सिंकू भाजपा उम्मीदवार गीता कोड़ा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, कुछ कहा नहीं जा सकता. अच्छे से अच्छे राजनीतिक पंडित, विश्लेषक और आलोचक यह कहने में हिचकिचा रहे हैं कि कोड़ा और सिंकू में कौन मजबूत है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सीट कांटे की टक्कर में फंसी है.
राजधानी में बैठे भाजपा के दिग्गज और ओडिशा में बैठे माइंस कारोबारी की नजर गीता कोड़ा पर है. मंगल सिंह बोबोंगा पर दांव लगाने वाले चुपचाप अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. सूत्रों का कहना है कि मंगल सिंह बोबोंगा अपनी जीत से ज्यादा कांग्रेस की हार की रणनीति पर काम कर रहे थे. आखिरी वक्त में जगन्नाथपुर में कल्पना सोरेन की जनसभा मंगल सिंह बोबोंगा के लिए सबसे बड़ा नुकसान बताई जा रही है, जिसकी चर्चा भी हो रही है.
रिपोर्ट- संतोष वर्मा