टीएनपी डेस्क(TNP DESK):-झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरु हो चुका है. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी की और से विधायक दल का नेता नहीं चुना जा सका है. अंसमजंस और संशय की स्थिति अभी भी बरकरार है. पार्टी के अंदर लगातार इसे लेकर मंथन और चर्चाओं का दौर चल रहा है . लेकिन, दावेदारों में किसी एक के नाम पर मुहर नहीं लग पा रही है.
रायशुमारी में नहीं टिक पा रहे जेपी पटेल
विधायक दल के नेता को लेकर झारखंड भाजपा जुझ रही है. लिहाजा, इसे लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने सीनियर लीडर और केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को विधायकों से सलाह लेने के लिए भेजा था. सभी विधायकों से मिलने के बाद उन्होंने सबसे अपने नाम को छोड़कर तीन नेताओं के नाम क्रमवार लिखकर देने के लिए कहा था. जिस तरह मांडु के विधायक जेपी पटेल का नाम तेजी से उठकर सामने आ रहा था. बताया जा रहा है कि ज्यादतर विधायकों ने उनके नाम पर सहमति ही नहीं बनती दिख रही है. केन्द्रीय पर्यवेक्षक अश्विनी चौबे को जो पर्ची मिली, उसमे ज्यादातर जयप्रकाश भाई पटेल का नाम ही नदारद है. भाजपा के सामने ओबीसी वोट की पेंच है, लिहाजा जेपी पटेल को उगलना और निगलना दोनों ही मुश्किल बनता जा रहा है.हालांकि, विधायकों ने केन्द्रीय नेतृत्व के हर फैसले को अंतिम मानेगी और स्वीका करेगी.
जेपी पटेल नहीं तो फिर कौन ?
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधायकों को भरोसा दिलाया है कि , उनकी भावना के मुताबिक ही कोई भी फैसला लिया जाएगा. विपक्ष के नेता के तौर पर जेपी पटेल सबसे रेस में आगे चल रहे थे. लिहाजा यह माना जाने लगा था कि मांडू विधायक के नाम पर ही सर्वसम्मति बनेगी. लेकिन, वह छंटते नजर आ रहें है. पटेल के अलावा वरिष्ठ नेता सीपी सिंह, विरिंची नारायण औऱ अनंत ओझा भी भाजपा विधायक दल का नेता बनने की दौड़ में हैं. इन सभी के नाम भी सुझाए गये थे. अब देखना है कि झारखंड भाजपा के इस उलझन कैसे सुलझाती है औऱ आने वाले वक्त में कौन विधायक दल का नेता बनेगा.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह