धनबाद(DHANBAD): मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना में भी पुराने बस मालिकों को कोई राहत नहीं मिली है. पहले उम्मीद थी कि कुछ राहत मिलेगी लेकिन अब इसमें भी नई बसों को शामिल करने का निर्देश निर्गत हो गया है. ऐसे में 15 साल पूरे कर चुकी बसें पूरी तरह से बेकार हो जाएगी .केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के कारण 15 साल पुरानी बसों का ना तो फिर से रजिस्ट्रेशन होगा और न ही फिटनेस सर्टिफिकेट मिल पाएगा.
अब 15 साल पुरानी बसों को परमिट नहीं मिलेगा
धनबाद जिले में 15 साल पूरे कर चुकी बस की संख्या लगभग चार दर्जन के करीब है. इसमें यात्री बस और स्कूल बस शामिल है. एक आंकड़े के मुताबिक धनबाद जिले में वर्ष 2008 में 43 वर्षों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. स्क्रैप पॉलिसी आने से पहले पुरानी बसों का फिटनेस कराने के बाद 5 वर्षों तक चलने का परमिट मिलता था. लेकिन अब 15 साल पुरानी बसों को परमिट नहीं मिलेगा. इसे लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस पॉलिसी की जद में आईआईटी आईएसएम सहित कई शिक्षण संस्थानों की बसें भी आ रही है. 15 साल पूरे होने पर फिटनेस के लिए कई संचालकों ने परिवहन कार्यालय में आवेदन दिए हैं. लेकिन विभाग उन्हें स्वीकार ही नहीं कर रहा है. ऐसी बसें अब कबाड़ हो जाएगी.
रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए परिवहन विभाग में देना होगा आवेदन
15 साल पुरानी बसों के संचालकों को अब रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए परिवहन विभाग में आवेदन देना होगा. रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आवेदन नहीं देने पर उन्हें टैक्स का भुगतान करना होगा. इसमें बस संचालकों को दोहरा नुकसान हो सकता है. एक तो बस चलेगी नहीं और टैक्स का भुगतान भी करना होगा. मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना में भी बस संचालकों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. जब योजना बनी थी तब उसमें 15 साल पुरानी बस के संचालकों को 5 वर्षों की छूट देने का प्रस्ताव था. अब नई पॉलिसी आने के बाद योजना में बदलाव कर नए निर्देश जारी किए गए हैं. अब योजना में नई बसों को ही शामिल किया जाएगा. धनबाद में संचालित स्कूल प्रबंधन को इस नियम से परेशानी हो सकती है .क्योंकि अब उन्हें पुरानी बसों को हटाकर नई बसें चलानी होगी. इसके लिए खरीद का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो