धनबाद(DHANBAD): निरसा -चिरकुंडा कोल् ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की विपणन व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े किए है. गड़बड़ी और घोटाले के भी आरोप लगाए है. एसोसिएशन का कहना है कि ईसीएल के मुगमा क्षेत्र के सभी कोलियरी में कागज पर कोयले का स्टॉक दिखाया जाता है. यह स्टॉक वास्तविक नहीं होता बल्कि फर्जी होता है. फर्जी स्टॉक दिखाकर हजारों टन कोयले का ऑफर निकाला जाता है. डीओ धारक लोन पर पैसा लेकर डीओ लगाते है. जब धारक कोयला लेने कोलिएरी पहुंचते हैं तो उन्हें कोयला नहीं मिलता. जिस ग्रेड के कोयले का पैसा जमा किया है, प्रबंधन कहता है कि उस ग्रेड का कोयला उपलब्ध ही नहीं है.
पैसा लेकर चुप बैठ जाता है प्रबंधन
डीओ धारक निम्न ग्रेड का कोयला लेना नहीं चाहते. इस वजह से कोयला उठता नहीं है और जब कोयला नहीं उठता है तो ईसीएल मैनेजमेंट पैसा काटता है. इस व्यवस्था के खिलाफ अब कोयला ट्रेडर्स उठ खड़े हुए है. उनका कहना है कि हर महीने 20 से 25 हज़ार टन कोयले का ऑफर निकाला जाता है. लेकिन हर महीने लगभग 1000 टन ही कोयला उठ पाता है. इस वजह से डीओ धारकों का पैसा प्रबंधन के पास फंस जाता है. समय पर कोयला नहीं उठाने पर प्रबंधन डीओ धारकों से प्रति टन ₹520 की कटौती कर लेता है. जो कि सरासर गलत है. इतना ही नहीं, ट्रकों को जब भेजा जाता है तो सप्ताह से 10 दिन तक ट्रक खड़े रह जाते है. इस हालत में ट्रक वालों को भी प्रतिदिन ₹1000 देना पड़ता है. डीओ धारकों का कहना है कि ईसीएल प्रबंधन उनके नुकसान की भरपाई करे. उनलोगो ने जिस ग्रेड का पैसा जमा किए हैं, उस ग्रेड का कोयला उपलब्ध कराये .
आंदोलन की दे डाली धमकी
अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके खिलाफ आंदोलन होगा. अधिकारियों के पास शिकायत की जाएगी, जरूरत पड़ी तो मामले को कोयला मंत्रालय तक लेकर जाएंगे. सीबीआई के पास जाकर असलियत बताएंगे और न्याय की गुहार करेंगे. कोयला ट्रेडर्स का आरोप अगर सही है तो इसका मतलब है कि उत्पादन में आंकड़ों का खेल हो रहा है. वास्तविक उत्पादन से अधिक कोयला बताया जाता है. ग्रेड में भी गड़बड़ी की जाती होगी. वैसे कोल इंडिया स्तर पर एक टीम गठित है, जो जाकर समय-समय पर स्टॉक की जांच करती है. कोयले के ग्रेड को भी जांचा जाता है लेकिन कोल् ट्रेडर्स ने जो आरोप लगाए हैं, वह गंभीर हैं अगर यह सच है तो ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो