धनबाद (DHANBAD) : बंद कोयला खदान क्राइम, कोयला चोरी और सिक्योरिटी के नजरिए से खतरनाक बन गया है. इसे हर हाल में बंद किया जाना चाहिए. मार्च तक बीसीसीएल के क्षेत्र में पड़ने वाले सभी अवैध मुहाने को बंद कर दिया जाए. यह निर्णय बुधवार को बीसीसीएल मुख्यालय में हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में लिया गया. सीएमडी ने सभी एरिया के महा प्रबंधकों को स्पष्ट कहा कि मार्च तक हर हाल में अवैध खदान मुहाने को सील कर दिया जाए. अगर यह हो जाता है तो कोयलांचल के लिए राहत की बात होगी. इससे कोयला चोरी रुकेगी. कोयला चोरी रुकेगी तो अपराध, रंगदारी घटेगी लेकिन बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि क्या ऐसा सब हो पाएगा.
बीसीसीएल के सभी तरकीब हुए फेल
हाल के दिनों में कोयलांचल में कोयला चोरी का इतिहास बन गया है. बीसीसीएल ने कई एरिया को चिन्हित कर नई-नई तकनीक अपनाकर कोयला चोरी रोकने की कोशिश की लेकिन कोयला चोर बीसीसीएल के तकनीकों से आगे निकल कर कोयला चोरी करते हैं. अब तो मशीनें लगाकर कोयले की कटाई की जाती है. हर इलाके में अलग अलग गैंग तैयार हो गए हैं. विरोध होने पर मारकाट पर उतारू रहते हैं. रोज कहीं ना कहीं किसी न किसी इलाके से गोली बम चलने, मारपीट होने की सूचनाएं आती रहती है. अवैध मुहाने को अगर बीसीसीएल बंद भी कर दिया, तो जब तक उनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाएंगे तो फिर कोयला चोर उन मुहाने को खोलकर कोयला निकालने का काम शुरू कर देंगे.
ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयला चोरी
ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में जो कोयले की चोरी हो रही है, उसे रोकने के लिए क्या कार्य व्यवस्था बनाई जा रही है, सुरक्षा परिषद में इसकी कोई चर्चा नहीं थी. बस्ता कोला क्षेत्र में 2 दिन पहले ही ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयला चोरी का खुलासा हुआ है. दो हाईवा ऐसे पकड़े गए जो जीपीएस से छेड़छाड़ कर दूसरी जगह पर कोयला गिरा दिए. सबसे आश्चर्य की बात है कि सीआईएसएफ के अधिकारी और BCCL के अधिकारी के हस्ताक्षर हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि हाईवा इन और आउट कैसे हुए. कोयला गिरा कहीं और और उसकी एंट्री कराई गई कहीं और. यह तो और बड़ा खेल है. इस खेल में बड़े-बड़े सफेदपोश लगे हुए हैं और अपनी सेटिंग, दबंगता के बल पर यह धंधा खुलेआम कर रहे हैं. बीसीसीएल प्रबंधन अगर ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में पकड़ाये इस मामले को आधार बनाकर जांच करे तो बहुत बड़ा खुलासा संभव है लेकिन क्या ऐसा होगा, यह सवाल कोयलांचल में तैर रहा है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद