धनबाद(DHANBAD): कोयला सचिव अमृत लाल मीणा का धनबाद दौरा खत्म हो गया है. वह दिल्ली वापस लौट गए हैं, लेकिन 2 दिनों तक कोयलांचल की हकीकत जान कर दिल्ली गए हैं. इतना ही नहीं, कोयला सचिव के दौरे से बीसीसीएल और जिला प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल के भी संकेत सामने आए हैं. जानकार सूत्रों के अनुसार अग्नि प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के सवालों पर वह गंभीर हैं और स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत भी की है. उन्होंने बेल गढ़िया सहित अन्य इलाके, जहां विस्थापितों को बसाना है उन जगहों पर नागरिक सुविधाओं, रोजगार, शिक्षा स्वास्थ जैसी सुविधाओं को बहाल करने की बात कही है. समझा जाता है कि झरिया पुनर्वास मास्टर प्लान में और कुछ संशोधन होंगे और इसे बहुत लंबा चौड़ा करने के बजाए सीधा और सपाट किया जा सकता है. कुछ विशेष स्थानों को मास्टर प्लान में चिन्हित किया जा सकता है, जहां सबसे अधिक खतरा है और कोयला निकालने की भी जरूरत है. मुआवजा पर भी कुछ सुधार संभव है, देखना है मास्टर प्लान में क्या परिवर्तन होता है और इससे अग्नि प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को क्या राहत मिलती है. बता दें कि कोयला सचिव ने अग्नि प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों से सीधे बातचीत की और उनकी परेशानियों को जाना. बातचीत में बीसीसीएल के अधिकारी, कोल इंडिया के चेयरमैन, धनबाद के उपायुक्त सहित अन्य अधिकारी थे. इससे अधिकारियों को एक दूसरे पर फेंका फेंकी करने का मौका भी नहीं मिलेगा, क्योंकि कोयला सचिव ने खुद अपनी आंखों से सारी चीजों को देखा है और अब तक की कार्रवाई का भी अध्ययन धनबाद में रहकर किए हैं. कोयला सचिव के दौरे से यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोयला उत्खनन को लेकर मंत्रालय गंभीर है और जहां जहां कोयला निकालने की संभावना है, उन जगहों पर विशेष ध्यान दिया जाना शुरू हो गया है. कोयला चोरी पर भी संभव है कुछ हद तक रोक लगे क्योंकि उन्होंने धनबाद दौरे के क्रम में कहा था कि कोयला चोरी के मुद्दे पर जिला प्रशासन से बात करेंगे. और इसके कोई ना कोई उपाय निकाले जाएंगे. कोयलांचल में कोयला चोरी लाइलाज बीमारी हो गई है. इस अवैध धंधे से देखते देखते लोग करोड़पति बन गए हैं और वह अपनी आर्थिक ताकत के बदौलत किसी भी कार्रवाई की दिशा को मोड़ने के काबिल अपने को समझने लगे हैं. नतीजा होता है कि कोयलांचल में हर दिन कहीं ना कहीं झड़प, मारपीट, फायरिंग की घटनाएं होती रहती हैं.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद