धनबाद(DHANBAD): देश के 15 राज्यों में कोयला आर्थिक सेहत का आधार बना हुआ है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 16 वा राज्य भी इसमें शामिल हो जाएगा और यह होगा जम्मू कश्मीर का इलाका. कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई कोल माइंस प्लानिंग एंड डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट जम्मू कश्मीर में कोयले की संभावना तलाश रही है .जम्मू कश्मीर की सरकार ने कोयले की संभावना खोजने का अनुरोध किया था. इसके बाद अधिकारियों की टीम वहां गई है. प्रारंभिक तौर पर अधिकारियों को कोयले का भंडार का पता चला है .कोयला मंत्रालय अगर इस पर मुहर लगाएगा तो कोयले का खनन भी हो सकता है.
रजौली जिले के आसपास कोयले की संभावना
बात इतनी ही नहीं है, वहां कोयले की गुणवत्ता भी अच्छी होने की उम्मीद है. अधिकारियों की टीम कश्मीर के रजौली जिले के आसपास कोयले की संभावना खोज रही है. यहां काला कोते कोलफील्ड्स और आसपास के एरिया में कोयले की संभावना है. कला कोते कोलफील्ड्स में पहले से सेमी एंथ्रेसाइट कोयले की छोटी खदान है. इससे करीब 3 लाख टन कोयला पहले निकलता था. लेकिन अब बंदी के कगार पर है. सेमी एंथ्रेसाइट कोयले की गुणवत्ता अच्छी होती है. इसमें राख और सल्फर की मात्रा कम होती है .औद्योगिक उपयोग के लिए यह सही माना जाता है. पावर प्लांट, स्टील प्लांट और सीमेंट उत्पादन में इस ग्रेड के कोयले का बेहतर उपयोग संभावित है.
अभी देश के 15 राज्यों में कोयल का भंडार चिन्हित
अधिकारियों की टीम ने कई इलाकों का सर्वे किया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि जम्मू कश्मीर में कोयले का व्यावसायिक उत्पादन होने से यहां की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर हो सकता है. कोयला से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है. अभी देश के 15 राज्यों में कोयल का भंडार चिन्हित है. सबसे अधिक कोयला ओडिशा में है .झारखंड दूसरे स्थान पर है. अगर जम्मू कश्मीर में कोयल का भंडार मिल जाए तो यह देश का 16वां राज्य हो सकता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो