धनबाद(DHANBAD): बैंक मोड़ पुलिस के कब्जे में आए अपराधी कुंदन धिक्कार ने स्वीकार किया है कि दुमका जेल कांड की फायरिंग में भी वह शामिल था. इसके अलावा धनबाद के मटकुरिया स्थित पप्पू मंडल के घर पर भी सुबह, सवेरे फायरिंग की थी. तो क्या इसे माना जाए कि अमन सिंह और प्रिंस खान गैंग साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों ने हाथ मिला लिया है. दुमका जेल में पोस्टेड संत्री पलटन मरांडी पर 2 दिसंबर की रात अमन सिंह के लोगों ने ही गोलियां चलाई थी. गोली चलाने वालों ने अमन के नाम की एक चिट्ठी भी जेल परिसर में फेंकी थी. जिसमें अमन को जेल में सारी सुविधाएं देने की बात कही गई थी. नीरज सिंह हत्याकांड में अमन को कई माह से दुमका जेल में ही शिफ्ट किया गया है. तो सवाल उठता है कि क्या अमन सिंह और प्रिंस खान दोनों एक ही अपराधियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अमन सिंह भी आतंक का पर्याय है. धनबाद जेल में रहते हुए उसने जब आतंक मचाया तो उसे दुमका जेल शिफ्ट कर दिया गया. प्रिंस खान तो अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है. नन्हे हत्याकांड के बाद से ही वह फरार चल रहा है .पुलिस ने उसके घर की कुर्की भी की है. मटकुरिया फायरिंग कांड की जिम्मेवारी उसने ली थी. और कहा था कि छोटे सरकार की बात जो नहीं मानेगा, उसका काम तमाम कर दिया जाएगा. उसके बाद भी फायरिंग की घटनाएं हुई हैं. नया बाजार जांच घर पर भी फायरिंग की गई और यहां भी मामला रंगदारी का ही कहा जा रहा है. उसके बाद थाना प्रभारी को भी उसने धमका दिया. पुलिस ने पकड़ाए अपराधी की निशानदेही पर अनुज कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया है. दोनों से पुलिस को बड़ी जानकारी हाथ लगी है और अमन सिंह के अलावे प्रिंस खान के गतिविधियों की भी जानकारी मिली है. अब देखना है कि पुलिस आगे क्या करती है. क्योंकि फायरिंग और रंगदारी की घटनाओं से धनबाद में दहशत का माहौल बन गया है. पुलिस लोगों के निशाने पर है. जनता का भारी दबाव भी पुलिस पर है. धनबाद में बढ़ते अपराध को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी लोगों के निशाने पर हैं, क्योंकि गृह विभाग उन्हीं के पास है और पुलिस गृह विभाग के ही अंतर्गत आती है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद