धनबाद(DHANBAD): कोल पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामानुज प्रसाद ने न्यूनतम पेंशन ₹1000 करने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है. कहा है कि न्यूनतम पेंशन 49 रुपए और 1000 से कम पाने वालों की संख्या फिलहाल 1,26000 है. कम से कम उन्हें लाभ मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा है कि ईपीएफओ के पेंशनधारी को 1000 न्यूनतम पेंशन काफी पहले से मिल रहा है. सीएमपीएफ के ट्रस्टी बोर्ड भी दो-तीन साल पहले निर्णय लिया था, जो सरकार से हरी झंडी के इंतजार में फंसा था.
12 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में होनी है सुनवाई
सरकार ने यह निर्णय तब लिया जब 12 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में पेंशन के मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान महंगाई में ₹1000 का कोई मूल्य नहीं है. इसलिए मांग करते हैं कि न्यूनतम पेंशन ₹10000 मासिक हो. पेंशनधारी जिस पद से रिटायर हुआ है, उस पद से जो अब रिटायर कर रहे हैं, उन्हें जो पेंशन मिलेगी , उसका कम से कम आधा पेंशन पहले के पेंशनर्स को दिया जाए. समय-समय पर पेंशन की राशि संशोधित हो और नियमित कर्मियों की तरह समय-समय पर मंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी की जाये. बता दे कि बुधवार को दिल्ली में सीएमपीएफ बोर्ड की बैठक में न्यूनतम पेंशन 1000 करने संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई. कोयला सचिव की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. अधिसूचना जारी हो जाने के बाद यह लागू हो जाएगी.
बोर्ड की बैठक में एक्जिट पॉलिसी को भी हरी झंडी
बोर्ड की बैठक में एक्जिट पॉलिसी को भी हरी झंडी दे दी गई. यानी सीएमपीएफ की ओर से निवेश पैसे पर अगर कम मुनाफा मिल रहा हो, तो निवेश की राशि को वापस लेकर दूसरी जगह निवेश किया जा सकता है. इसके लिए पूरी प्रक्रिया तय कर इसकी मंजूरी ली गई है. एचएफएल में हजारों करोड़ रूपया सीएमपीएफ का डूबने के बाद एक्जिट पॉलिसी पर जोर दिया गया. उसे समय अगर एक्जिट पॉलिसी होती तो इतना नुकसान नहीं होता. हालांकि इस बैठक में कोयला पर प्रति टन सेस का मुद्दा भी उठा. डिमांड किया गया कि प्रति टन कोयले पर 15 से 20 रुपए सेस मिलना चाहिए. फिलहाल ₹10 ही प्रति टन सेस मिलता है. लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ. यानी अभी सीएमपीएफ को ₹10 ही प्रति टन कोयले पर सेस मिलेगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो