धनबाद(DHANBAD): अगस्त महीने में भी कोयलांचल बारिश से परेशान और तबाह रहा. सितंबर महीने का भी वही हाल है. लगातार बारिश से कोयले का उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग प्रभावित हुए है. वैसे भी बरसात कोयलांचल के लिए आफत लेकर आती है. जगह-जगह गोफ बनने की घटनाएं होती है. इलाका चाहे कतरास का हो, बाघमारा का हो, झरिया का हो, लोदना का हो ,सभी जगह गोफ बनने लगते है. कहीं घर जमीनदोज हो जाते हैं तो कहीं आदमी गोफ में समा जाते है. रविवार को भी झरिया -धनबाद मुख्य मार्ग पर गोफ बना. यह गोफ बस्ताकोला नोनिया टोला शिव मंदिर प्रांगण में बना है.
गोफ बड़े आकार का हुआ है. लगातार गोफ से गैस निकल रही है. अगल-बगल के लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है. लोगों की मांग है कि प्रबंधन जल्द से जल्द गोफ की भराई कराये. झरिया संशोधित मास्टर प्लान अभी केंद्र के पास है. उसे अनुमति मिलने की प्रतीक्षा है. इस बीच जुलाई में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी धनबाद आए थे. उन्होंने भी भूमिगत आग से पैदा हुए खतरे को नंगी आंखों से देखा था. भरोसा दिया था कि पुनर्वास का काम तेज होगा. फिर सितंबर महीने में कोयला राज्य मंत्री सतीश दुबे भी धनबाद आए थे. उन्होंने भी कोलियरी क्षेत्र का दौरा किया था.
पुनर्वास पर जानकारी ली थी. हालांकि अभी तक संशोधित झरिया मास्टर प्लान को अनुमति नहीं मिली है और गोफ की लगातार घटनाएं बढ़ रही है. जिन जगहों से कोयला निकाला गया, वहां सही ढंग से बालू की भराई नहीं की गई. नतीजा है कि आज ताबड़तोड़ गोफ बन रहे है. उस समय के जानकार बताते हैं कि नियम था कि बालू भरने के बाद प्रेशर से पानी डालना है ताकि बालू जगह बना ले और आगे धसान का कोई खतरा नहीं हो. लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ हुआ नहीं. जानकार बताते हैं कि उस वक्त धनबाद कोयलांचल में बालू सप्लायरो की बाढ़ थी. बीसीसीएल को घुटने पर लाकर मनमाफिक दर बालू सप्लायर तय करवा लेते थे. रेट तो लेते थे लेकिन बालू की भराई होती नहीं थी ,जिसका खामियाजा आज कोयलांचल भुगत रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो