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Coal India: अगले कुछ सालों में कोयला कंपनियां तेजी से क्यों भरेंगी झारखंड सरकार की झोली,पढ़िए डिटेल्स में

Coal India: अगले कुछ सालों में कोयला कंपनियां तेजी से क्यों भरेंगी झारखंड सरकार की झोली,पढ़िए डिटेल्स में

धनबाद (DHANBAD)  अगले कुछ सालों में झारखंड सरकार को कोयले से मिलने वाली रॉयल्टी और डीएमएफटी फंड में काफी वृद्धि हो सकती है. कोयला कंपनियां तेजी से राज्य सरकार की झोली भर सकती है.  आने वाले वक्त में कोकिंग  कोल्  को लेकर देशभर में झारखंड का दबदबा बढ़ सकता है. झारखण्ड ही तो वह प्रदेश है ,जहा कोकिंग कोल् प्रचूर मात्रा में मौजूद है.  पूरे देश में 14 कोकिंग कोल्  ब्लॉक निजी कंपनियों को आवंटित किए गए है.  इनमें से 10 झारखंड राज्य में स्थित है.  बात इतनी ही नहीं है, कोयला मंत्रालय ने इस्पात क्षेत्र की मांग के अनुमान को ध्यान में रखते हुए कुछ नए टारगेट निर्धारित किये है. 

 कोकिंग कोयले के आयात को कम करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया गया है.  वित्तीय वर्ष 29 -30 तक घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन 140 मिलियन टन  तक बढ़ाना  है.  एक जानकारी के अनुसार कोल इंडिया की सहायक कंपनियां बीसीसीएल और सीसीएल से वित्तीय वर्ष 29 -30 तक कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य 105 मिलियन टन  रखा गया है. 

 बाकी 35 मिलियन टन  निजी कंपनियों को आवंटित कोकिंग कोल्   ब्लॉक से उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है.  रिपोर्ट में बताया गया है कि बीसीसीएल और सीसीएल की मौजूदा पुरानी वाशरियो  का आधुनिकीकरण और नवीनीकरण की दिशा में भी कदम उठाए गए है.  11.6 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाली तीन नई वाशरिया  पहले ही चालू हो चुकी है.  इसके अलावे बीसीसीएल  द्वारा नई कोकिंग कोल्  वाशरी  और सीसीएल भी नई कोकिंग  कोल्  वाशरी  बनाने की योजना बनाई है.  जानकारी के अनुसार अभी तक कोकिंग कोयले का घरेलू उत्पादन 58 से 60 मिलियन टन तक ही है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:12 Dec 2024 04:51 PM (IST)
Tags:DhanbadCoal IndiaCoking CoalProductionSteel Secter
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