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COAL INDIA :कोबाल्ट और लिथियम पर कंपनी की नजर से कर्मचारी और अधिकारी क्यों खुश हैं, पढ़िए इस रिपोर्ट में!

COAL INDIA :कोबाल्ट और लिथियम पर कंपनी की नजर से कर्मचारी और अधिकारी क्यों खुश हैं,  पढ़िए इस रिपोर्ट में!

धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में एक तरफ देशी और विदेशी माइनिंग ऑपरेटरों की भूमिका बढ़ रही है, तो कंपनी भी केवल कोयला प्रोडक्शन से बाहर निकलने के लिए हांथ-पंव मार रही है. कंपनी अब  कोयला उत्पादन से बाहर निकल कर क्रिटिकल मिनरल और थर्मल पावर में कदम बढ़ा रही है. कोल इंडिया आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए कोबाल्ट और लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का अधिग्रहण करना चाहती है. इसके लिए कदम बढ़ा दिए गए है. इन क्रिटिकल मिनरल ब्लॉकों के लिए ई नीलामी में भी कंपनी हिस्सा ले रही है. कंपनी हाल ही में मध्य प्रदेश में ग्रेफाइट ब्लॉक के लिए बोली लगाई है. जो इसका पहला गैर कोयला खनिज खनन उद्यम होगा. कंपनी का कहना है कि वह घरेलू बाजार और विदेशों में लिथियम समेत महत्वपूर्ण खनिजों के अधिग्रहण के लिए कोशिश कर रही है. कंपनी के इस कदम से कर्मी-अधिकारी भी है खुश.  

क्रिटिकल मिनरल और थर्मल पावर में कंपनी बढ़ा रही कदम 

लीथियम समेत महत्वपूर्ण खनिज, पवन टर्बाइन से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी के उत्पादन के लिए इनकी खास तौर पर मांग रहती है. कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पीएम प्रसाद ने कंपनी की 50वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान कहा, लीथियम, कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से कंपनी भारत और विदेशों में इन खनिज परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है. इधर, कोल इंडिया में अब विदेश के भी माइनिंग ऑपरेटर काम करेंगे. ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका बढ़ेगी.  कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी इकाइयों में ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर को कोयला खनन के लिए बुलाया जा रहा है. अब वैश्विक स्तर की कंपनियां भी कोल इंडिया में काम करेगी.  कोयला मंत्रालय ने इस संबंध में  कई दिशा निर्देश कोल इंडिया एवं अनुषंगी  कंपनियों को दिए है.  दरअसल, कोयला मंत्रालय कोयला उत्पादन में वृद्धि करने को लेकर काफी चिंतित है. 

कोयला उत्पादन को बढ़ाने के कई प्रयास किये जा रहे 
 
कोयला उत्पादन को बढ़ाने, इम्पोटेड कोल पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला मंत्रालय काम  कर रहा है.  यह भी महत्वपूर्ण है कि कोयला उत्पादन लागत को कम करने के लिए कोयला मंत्रालय यह सब कर रहा है. अभी कोल इंडिया में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर ही काम कर रहे थे. यानी देशी कंपनियां ही थी.  लेकिन अब ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका भी बढ़ेगी.  शुरुआत में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर के लिए 168 मिलियन टन  की क्षमता वाली 15 कोयला खदान परियोजनाओं को आईडेंटिफाई किया गया था.  अब 257 मिलियन टन कोयला के लिए 28 परियोजनाओं को विस्तार दिया गया है. इसमें 18 खुली खदान है जबकि 10 अंडरग्राउंड माइन्स है. शर्त है कि चुने गए ऑपरेटर समझौते के अनुसार कोयले का उत्खनन से लेकर डिलीवरी तक पूरी खनन प्रक्रिया की देखरेख करेंगे. सूचना निकल कर आ रही है कि कम से कम 25 साल के लिए निजी  हाथों में खदानें दी जाएंगी.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो   

Published at:22 Aug 2024 04:12 PM (IST)
Tags:DhanbadCoal IndiaCompanyCoal India Coal India worker
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