धनबाद(DHANBAD): कोल इंडिया में अधिकारी, कर्मचारियों से कम वेतन पर काम करते हैं. ऐसा कर्मियों के लिए कोयला वेतन समझौता 11 होने के बाद हुआ है. जानकारी के अनुसार कर्मियों के ए वन ग्रेड का वेतन अधिकारियों के ई वन ग्रेड से अधिक हो गया है. इसके बाद कोल इंडिया के अधिकारी अपनी तनख्वाह महारत्न कंपनियों के बराबर करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. हालांकि कोल इंडिया के भेजे गए प्रस्ताव को कोयला मंत्रालय ने लौटते हुए कुछ संशोधन के साथ फिर से प्रस्ताव भेजने को कहा है. हो सकता है कि कोल इंडिया अधिकारियों के दबाव के बाद जल्द प्रस्ताव को कोल इंडिया मैनेजमेंट मंत्रालय को भेज दे.
कोल इंडिया के अधिकारी अपने मातहत कर्मियों से कम वेतन पर करते हैं काम
कोल इंडिया चेयरमैन को 17 अगस्त को पत्र लिखकर कोयला मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी ने कहा है कि प्रस्ताव की समीक्षा की गई. 2018 में भी कोल इंडिया ने प्रस्ताव भेजा था. जिसे खारिज कर दिया गया था. नया प्रस्ताव कोल इंडिया भेजे तो उसपर विचार किया जा सकता है. इधर ,कोल इंडिया चेयरमैन ने कहा है कि एक सप्ताह के भीतर नया प्रस्ताव भेज दिया जाएगा. प्रस्ताव भेजने के बाद कोयला मंत्रालय का क्या रुख होता है, यह देखने वाली बात होगी.
जानिए क्या है वजह
वैसे कोल इंडिया भी महारत्न कंपनियों की सूची में शामिल है.इसलिए अधिकारियों का दबाव है कि उन्हें भी महारत्न कंपनियों के बराबर वेतन दिया जाए. इसको लेकर जिच शुरू हो गई है.अधिकारियों के अपने तर्क हैं, तो कोयला मंत्रालय भी कुछ संशोधन के साथ सुझाव मांग रहा है. 1975 में BCCL, CCL, ECL , ECL, CMPDIL को मिलाकर कोल इंडिया कंपनी बनी थी .हालांकि उसके बाद कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों की संख्या बढ़ी है. एनसीएल, SECL, महानदी कोलफील्ड लिमिटेड इसमें शामिल है .अब देखना है कि कोल इंडिया से नया प्रस्ताव जाता है तो उसे पर कोयला मंत्रालय का क्या रुख होता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो