धनबाद(DHANBAD): कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियां से रिटायर्ड कोलकर्मियों के लिए लागू कोल् कर्मी कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम-नन एग्जीक्यूटिव के फंड को मजबूत नहीं किया गया तो 2031 के बाद इस स्कीम को चलाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि फंड मजबूती के लिए प्रयास किया जा रहा है. वर्तमान कर्मचारियों से राशि की कटौती की जा रही है. जानकारी के अनुसार कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों से वर्तमान में कार्यरत कोयला कर्मियों का स्कीम के लिए ₹40000 की कटौती हो चुकी है या राशि काटी जा रही है. पिछले दिनों इस स्कीम के फंड को और अधिक मजबूत करने के लिए बुलाई गई बैठक में प्रबंधन से एक मुफ्त राशि देने का आग्रह करने का निर्णय लिया गया है. जिससे कि यह स्कीम भविष्य में भी जारी रह सके.
मानकीकरण कमेटी की बैठक में होगा अंतिम निर्णय
हालांकि मानकीकरण कमेटी की बैठक में इस पर अंतिम फैसला होगा. कोल इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक इस स्कीम के तहत कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी इकाइयां 31 जुलाई तक कुल 87,8 69 कार्ड जारी किए है. इनमें 9446 एकल लाभार्थी कार्ड धारी है तो 78301 कार्ड धारी डबल लाभार्थी यानी पति-पत्नी तथा 102 कार्डधारी के दिव्यांग बच्चे शामिल है. इस स्कीम के तहत कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल ने सर्वाधिक 21,527 कार्ड जारी किए है. आंकड़े के मुताबिक बीसीसीएल ने 11,124 ईसीएल ने 15,293,सीसीएल ने 7,874, एसईसीएल ने 21,527, डब्लूसीएल ने 17,841 एमसीएल ने 6,070, एनसीएल ने 3,647, सीएमपीडीआई ने 884, एनईसी ने 710, कोल इंडिया मुख्यालय ने 2,899 कार्ड जारी किये है. इस प्रकार कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों ने कुल 87,869 कार्ड जारी किए है.
प्रकृति के खिलाफ काम करने की है मज़बूरी
बता दें कि प्रकृति के खिलाफ कोल इंडिया के कर्मचारी काम करते है. धरती का सीना चीरकर कोयला निकालते है. अब तो रेगुलर कर्मचारियों की संख्या लगातार घट रही है. कोल इंडिया में कोयला उत्पादन सहित अन्य कार्य आउटसोर्सिंग के भरोसे अधिक चल रहे है. प्राइवेट प्लेयर्स की इंट्री बढ़ रही है. फिर भी जो कर्मचारी रिटायर्ड कर चुके हैं, उनके लिए कोल इंडिया मैनेजमेंट समय-समय पर लाभकारी योजनाएं निर्गत करता है. लेकिन कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय जो उद्देश्य बताया और दिखाया गया था ,वह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और कोल इंडिया मैनेजमेंट को व्यावसायिक होना पड़ गया है. कोल इंडिया मैनेजमेंट को देश-विदेश की कंपनियों के साथ कंपटीशन भी करना पड़ रहा है.धनबाद में संचालित बीसीसीएल घाटे को पाट कर अब मुनाफे में आ गई है. देखना है कोल इंडिया के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए चल रही कोल् कर्मी कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम नन-एग्जीक्यूटिव स्कीम के लिए आगे-आगे क्या उपाय किये जाते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो