धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में बोनस की चर्चा के बीच यह भी खबर आई है कि कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों के मुकाबले कैपटिव और कमर्शियल कोल ब्लॉक का प्रदर्शन बेहतर हुआ है. कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 24-25 की पहली छमाही का आंकड़ा जारी किया है. इस आंकड़े के मुताबिक 1 अप्रैल 24 से 30 सितंबर 24 तक कैपटिव और वाणिज्य कोयला ब्लॉक के कोयला उत्पादन और डिस्पैच में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. जबकि कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों का उत्पादन कम है. कोल इंडिया में अब केवल देसी ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियों का भी प्रवेश हो रहा है.
यह तो आशंका पहले से ही बनी हुई थी
यह तो आशंका पहले से बनी हुई है कि प्राइवेट कोयला प्लयेरों से कोल इंडिया को कड़ा मुकाबला हो सकता है और यह अब देखने को भी मिल रहा है. कंपनी स्तर पर उत्पादन घट रहा है तो प्राइवेट कोल ब्लॉक से उत्पादन बढ़ रहा है. हाल के दिनों में कोल इंडिया मैनेजमेंट ने कई निर्णय लिए है. इस निर्णय के अनुसार अब कोल इंडिया में देसी ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी प्रवेश कर रही है. पहले के निर्णय के मुताबिक कोल इंडिया में अब विदेश के भी माइनिंग ऑपरेटर काम करेंगे. ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका बढ़ेगी. कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी इकाइयों में ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर को कोयला खनन के लिए बुलाया जा रहा है. अब वैश्विक स्तर की कंपनियां भी कोल इंडिया में काम करेगी. कोयला मंत्रालय ने इस संबंध में कई दिशा निर्देश कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों को दिए है. दरअसल, कोयला मंत्रालय कोयला उत्पादन में वृद्धि करने को लेकर काफी चिंतित है.
आयातित कोयले की मात्रा कम करने का हो रहा काम
कोयला उत्पादन को बढ़ाने, इम्पोटेड कोल पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला मंत्रालय काम कर रहा है. अभी कोल इंडिया में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर ही काम कर रहे थे. यानी देशी कंपनियां ही थी. लेकिन अब ग्लोबल माइनिंग ऑपरेटर की भूमिका भी बढ़ेगी. शुरुआत में माइन डेवलपर्स एवं ऑपरेटर के लिए 168 मिलियन टन की क्षमता वाली 15 कोयला खदान परियोजनाओं को आईडेंटिफाई किया गया था. अब 257 मिलियन टन कोयला के लिए 28 परियोजनाओं को विस्तार दिया गया है. इसमें 18 खुली खदान है जबकि 10 अंडरग्राउंड माइन्स है. शर्त है कि चुने गए ऑपरेटर समझौते के अनुसार कोयले का उत्खनन से लेकर डिलीवरी तक पूरी खनन प्रक्रिया की देखरेख करेंगे. सूचना निकल कर आ रही है कि कम से कम 25 साल के लिए निजी हाथों में खदानें दी जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक अब तक कोयला मंत्रालय ने 575 मिलियन टन की क्षमता वाली 161 खदानों की नीलामी की है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो