धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया मैनेजमेंट एवं कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (अपेक्स बॉडी) की बैठक के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि कोयला अधिकारियों की मांगों पर अब तेजी से विचार हो सकता है. संगठन को मैनेजमेंट ने भरोसा दिया है कि उनकी मांगों को बारीकी से देखा जाएगा. हर संभव कोयला अधिकारियों को संतुष्ट करने की कोशिश की जाएगी. सूत्र बताते हैं की वार्ता तो कई मुद्दों पर हुई, लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर जल्द कुछ निर्णय संभव है.
जानकारी के अनुसार कोयला अधिकारी चाहते हैं कि उनकी विशेष छुट्टी में विस्तार मिले, कोयला अफसर के बच्चों को ट्यूशन और हॉस्टल शुल्क में बढ़ोतरी की जाए. E-1 के अफसर को E-2 में प्रोन्नति दी जाए. वेतन विसंगति को भी दूर किया जाए. इसके अलावे कोलफील्ड भत्ता, ईंधन भत्ता, घर बनाने के लिए राशि में वृद्धि, वार्षिक उपचार भत्ते में वृद्धि सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई. ऑनलाइन सीएमपीएफ पोर्टल में त्रुटियों से संबंधित मुद्दे भी बैठक में उठे. मैनेजमेंट ने कोयला अधिकारियों को भरोसा दिया कि सीएमपीएफ अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन बैठक कर इसका समाधान निकाला जाएगा.
बैठक में कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. यह बात सच है कि कोल इंडिया का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. कंपनी लाभ में भी चल रही है. ऐसे में अधिकारी भी अपनी डिमांड को लेकर सक्रिय हो गए है. देश ही नहीं, बल्कि विदेश की भी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड अब 50 साल की हो गई है. पहली नवंबर" 2024 को इस कंपनी के गठन के 50 साल पूरे हो गए है. इस कंपनी को महारत्न कोयला कंपनी का भी दर्जा प्राप्त है. 1975 में, जहां कोल इंडिया का उत्पादन लगभग 90 मिलियन टन था. वहीं 2024 में इस कंपनी का उत्पादन 775 मिलियन टन के करीब पहुंच गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो