दुमका(DUMKA): झारखंड में खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति की मांग को लेकर जगह जगह चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है. इसी बिच झामुमो के गढ़ माना जाने वाला संथाल परगना प्रमंडल का माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म दिख रहा है. 1 अप्रैल को इस मांग को लेकर छात्र समन्वय समिति द्वारा आहूत संथाल परगना प्रमंडल बंद असरदार रहा. सड़कें वीरान रही, वाहनों के पहिए पर ब्रेक लग गया. छात्र समन्वय समिति इस बंदी को ऐतिहासिक करार दे रही है.
सीएम 5 अप्रैल को करेंगे संथाल परगना प्रमंडल का दौरा
बंद शांतिपूर्ण रहने के बाद प्रसासन भी राहत की सांस ली होगी. लेकिन ऐसे माहौल में 5 अप्रैल से सीएम हेमंत सोरेन का संथाल परगना प्रमंडल दौरा संभावित है. प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत सीएम 5 अप्रैल को जामताड़ा में ख़ातियानी जोहर यात्रा के साथ प्रवेश करेंगे. सभा को संबोधित करने के बाद रात्रिविश्राम दुमका में करेंगे. 6 अप्रैल को दुमका में डीजीपी और चीफ सेकेरेट्री सहित वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. 6 अप्रैल को ही दुमका के आउटडोर स्टेडियम में ख़ातियानी जोहर यात्रा के तहत सभा को संबोधित करेंगे.
जिला प्रशासन के लिए कठिन चुनौती
सीएम के प्रस्तावित दौरा को सफल बनाना जिला प्रशासन के लिए कठिन चुनौती होगी. क्योंकि एक तरफ जहां छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने सीएम सहित तमाम मंत्री और विधायक को काला झंडा दिखाने की घोषणा कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ रांची में छात्र नेता सफी इमाम ने संथाल परगना प्रमंडल की 1 अप्रैल की बंदी से उत्साहित होकर 10 अप्रैल को झारखंड बंद का आह्वान कर दिया है.
वहीं ओबीसी मोर्चा ने 4 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा कर रखी है. आरक्षण रोस्टर में दुमका जिला में ओबीसी का आरक्षण शून्य किए जाने से ओबीसी समाज के लोग आक्रोशित है. घोषित कार्यक्रम के अनुरूप 4 अप्रैल को नुक्कड़ सभा, 5 अप्रैल को मशाल जुलुस और 6 अप्रैल को काला बिल्ला लगाकर शहर भ्रमण करने की रूपरेखा तैयार की गई है. एक तरफ शहर में सीएम सहित कई आलाधिकारी रहेंगे वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर आंदोलनकारी रहेंगे. इस स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा सीएम के दौरे को सफल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं होगी.
रिपोर्ट. पंचम झा