रांची (RANCHI) : झारखंड में सियासी हलचल तेज है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश होंगे. सीएम करीब 12:00 बजे ईडी ऑफिस पहुंच सकते हैं. उनके साथ उनके पार्टी के कार्यकर्ता भी ईडी ऑफिस पहुंच सकते हैं. संभावना जताई जा रही है कि ईडी कार्यालय के बाहर सीएम के समर्थकों की काफी भीड़ होगी. इसी के मद्देनजर ईडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और बैरिगेटिंग से ईडी कार्यालय को घेरा गया है. सत्ताधारी विधायकों को विशेष तौर पर रांची में ही बने रहने का निर्देश दिया गया है .
पेशी से पहले बैठकों का दौर
बुधवार को दिन भर सीएम आवास में बैठकों का दौर चला. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से ईडी दफ्तर में पूछताछ होगी. इसके पहले यूपीए के नेता और विधायकों ने मंथन किया. साथ ही मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई.
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री आवास में झामुमो विधायकों की बैठक हुई. इसमें सभी विधायकों ने हेमंत सोरेन को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया. इसके बाद यूपीए विधायकों की साझा बैठक हुई. यूपीए विधायकों की मानें तो वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हर फैसले के साथ खड़े हैं.
भाजपा पर जमकर बरसे सीएम, कहा 'सबको देख लेंगे'
बुधवार दोपहर कांग्रेस विधायक दल की नेता आलमगीर आलम की आवास में पार्टी विधायकों की भी बैठक हुई. हालांकि इसमें पार्टी के निलंबित विधायकों सहित आठ विधायक नहीं पहुंचे. कांग्रेसी विधायकों ने कहा कि वह पूरी एकजुटता के साथ वर्तमान परिस्थिति में लड़ेंगे. देर शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर गठबंधन के विधायक साथ बैठे विधि के समक्ष पेशी के एक दिन पहले हेमंत सोरेन जमकर भाजपा पर बरसे. उन्होंने झामुमो कार्यकर्ता से कहा कि आप डटे रहिए मैं सबको एक-एक कर देख लूंगा. भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने ये सारी बातें रखी. उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता से बेदखल करने के लिए यह लोग हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हेमंत सोरेन ने अपने आवास में झामुमो मिलन समारोह को संबोधित किया. समारोह में पूर्व विधायक और भाजपा नेता जयप्रकाश वर्मा अपने समर्थकों के साथ झामुमो में शामिल हुए.
अवैध खनन मामला में ईडी ने भेजा समन
बता दें कि अवैध खनन मामले में ईडी ने पहली बार एक नवंबर को समन जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीन नवंबर को ईडी दफ्तर में पेश होने का आदेश दिया था. हालांकि उन्होंने हाजिर होने के बदले 3 सप्ताह का समय मांगा. जिसके बाद ईडी ने सीएम को 9 नवंबर को दूसरी बार समन भेजकर 17 नवंबर को ईडी कार्यालय हाजिर होने का निर्देश दिया. जिसके बाद हेमंत सोरेन ने 1 दिन पहले यानी 16 नवंबर को पेश होने की अर्जी लगाई थी जिसको ईडी ने खारिज करते हुए 17 नवंबर को ही पेश होने का आदेश जारी किया था.
जनता का साथ
राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सभी नेता और विधायक के साथ आम जनता भी सीएम हेमंत सोरेन के साथ ईडी ऑफिस पहुंचेंगे. सीएम हेमंत सोरेन ने आपकी सरकार आपके द्वार योजनाओं के तहत कहीं ना कहीं आम जनता का विश्वास जीता है. जिसका नतीजा होगा कि लोग उनके ईडी से पूछताछ का विरोध करेंगे. पार्टी के कार्यकर्ता भी ईडी का विरोध कर सकते हैं. अब हेमंत सोरेन ईडी पहुंचेंगे या नहीं, कार्यकर्ता ईडी के विरोध में ईडी दफ्तर का घेराव करेंगे या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन जो मौजूदा परिस्थिति है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कहीं ना कहीं उनके विधायक को और आम जनता का समर्थन जरूर मिलेगा.