रांची(RANCHI): झारखंड सरकार की सबसे बड़ी योजना में शामिल मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तीन लाख लाभुकों को हेमंत सोरेन ने DBT के माध्यम से पैसा भेज दिया. दक्षिण छोटा नागपुर प्रमंडल के सिमडेगा, रांची, खूंटी, लोहरदगा और गुमला के लाभुकों के खाते में सम्मान राशि स्थानन्तरित किया गया. इस योजना की राशि स्थानांतरित करने को लेकर नामकुम के आर्मी ट्रेनिंग ग्राउंड में भव्य कार्यक्रम आयोजन किया गया. कुल सात लाख लाभुकों को 70 करोड़ 49 लाख 27 हजार रूपये भेजे गये हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में मंईयां लाभुक कार्यक्रम में पहुंची है.
इस दौरान जब मंईयां लाभुकों से बात की तो बताया कि पैसा उनके खाते में पहुंच गया. ऐसी कोई योजना अबतक नहीं मिली थी. हेमंत भईया ने एक सम्मान देने का काम किया है. अब इस पैसे से अपने जरुरत को पूरा करूंगी. कुछ छात्रा ने बताया कि कॉपी किताब कलम खरीदने के लिए अब मां-बाप से पैसा नहीं लेना होगा. अब हर महीना पैसा उन्हें खाते में उनका भाई भेज रहा है.
एक महिला ने बताया कि वह सिमडेगा से आई है. कहा कि ऐसी योजना आज तक कहीं नहीं देखी थी, जिसमें सीधे पैसा उनके खाते में पहुंच रहा है. अब इस पैसे से बच्चों की पढ़ाई में खर्च करेंगे. उन्होंने बताया कि अब पति से पैसा नहीं मांगना होगा.
जानें क्या कहा सीएम हेमंत ने
हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले समय में शायद ही अब ऐसा सम्मान और प्यार किसी को मिलेगा. आपके प्यार से ताकत मिलती है. लाख कठिनाई के बावजूद आपके प्यार से हिम्मत मिलती है. इस हिम्मत से ही आपके लिए योजना बनाते है.
अपनी झारखंडी बेटियों के लिए एक सम्मान देने का काम किया है. अपनी बहनों को सशक्त बनाने की दिशा में एक छोटी सी पहल की है. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था की झारखण्ड में लोग राशन कार्ड हाथ में लेकर मर जाते थे. भात-भात करते रहे, लेकिन राज्य में मौजूद डबल इंजन की सरकार में भूख से मौत होती थी. जब हमारी झारखण्ड में अबुआ सरकार बनी तो अपने झारखंडी लोगों के लिए काम करना शुरू किया.
भाजपा पर साधा निशाना
जब जनता का काम करना शुरू किया तो भाजपा वाले लोग टांग खींचना शुरू कर दिया. जब रुके नहीं तो जेल में भेज दिया, लेकिन सच तो सच है वापस लौट आया अपनों के बीच .यह सरकार झारखण्ड के गांव से चलने वाली है अब रुकेगी नहीं.
पहले वृद्धा पेंशन में होती थी धांधली-सीएम
हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले 60 साल की उम्र में बुजुर्गों को पेंशन मिलता था, लेकिन लगातार जानकारी मिल रही थी कि ऐसे में काफी परेशानी होती है. फिर बुजुर्ग के लिए 50 साल में ही वृद्धा पेंशन देने का काम शुरू कर दिया. पहले दलालों के चक्कर में बुजुर्ग रहते थे, महीनों पेंशन नहीं बनता था.
बच्चियों के लिए भविष्य में आयेगी बेहतर योजना
गांव में बेटी को पहले बोझ समझा जाता था. दसवीं पास करने से पहले ही शादी कर ससुराल भेज दिया जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने उन बेटियों के लिए भी योजना लाया. हेमंत सोरेन ने कहा कि बच्चियों का बेहतर भविष्य के लिए योजना लेकर आएंगे. अभी सावित्रीबाई फुले योजना के जरिए 9 लाख बच्चियों को लाभ दिया जा रहा है. यह सरकार आपकी हर समस्या पर पहली नजर रखी है.
गुरुजी क्रेडिट कार्ड से विदेशों में पढ़ना हुआ आसान
झारखंडियों को पढ़ने-लिखने में किसी तरह की घटनाएं न हो मजदूर का बेटा डॉक्टर इंजीनियर बनेगा. गुरुजी क्रेडिट कार्ड बना कर लाए. बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत ना हो इस लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन देने का काम कर रहे है. पैसा तुरंत वापस भी नहीं करना है, नौकरी लगने के एक साल बाद थोड़ा-थोड़ा कर जमा करना है
रिपोर्ट-समीर हुसैन