दुमका(DUMKA): स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद 3 महीने पूर्व दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला डंपिंग यार्ड की शुरुआत की गई है. कोयला डंपिंग यार्ड अब हजारों लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस गंभीर मुद्दे को लेकर सिविल सोसायटी के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा और सचिव संदीप कुमार जय उर्फ बमबम ने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. दुमका रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के लिए बनाया गया, जगह गंदगी से पटा हुआ था. प्रदुषण इतना कि रेलवे पदाधिकारियों के सारे दावे यहां फेल नजर आ रहा है. स्टेशन परिसर में बैठने लायक जगह गंदगी के कारण खाली रहता है क्योंकि यात्रियों को कपड़े गंदा होने की चिंता रहती है.
खुद के बनाए नियमों को तोड़ रहीं है रेलवे
लेकिन रेलवे के अधिकारियों के कानों तक यह बात नहीं जा रही है. इस बात को लेकर सिविल सोसायटी के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा कि रेलवे आम जनों के लिए तो खूब नियम बनाती है पर दुमका रेलवे स्टेशन पर सारे नियमों को ताक पर रख कर खुद गंदगी फैला कर खुद के बनाए नियमों को तोड़ रहीं है. अगर दुमका से 31 दिसम्बर तक कोयला डंपिंग यार्ड नहीं हटाया गया तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसके लिए रेलवे तैयार रहे. सचिव संदीप कुमार जय बमबम ने कहा कि दुमका को माफिया तंत्र चारागाह बना कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि किस आधार पर यहां सीटीओ दिया जा रहा है यह समझ से परे है. पर, यहां लोगों के स्वास्थ्य सेवा जुड़ा मामला है. दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला रैक हटाना ही होगा. अगर 31 दिसम्बर के बाद यहां से कोयला रखाव और उठाव शुरू हुआ तो सिविल सोसायटी, दुमका आंदोलन के लिए मजबूर होगा. जबकि स्थानीय नागरिक और बुजुर्ग जगन्नाथ पंडित ने कहा कि रेलवे के पदाधिकारी यहां प्रदुषण की बात से इंकार कर रहे हैं पर जरा एक्यूआई लेबल पर नजर डालें तो पता चलेगा कि यहां कितना प्रदुषण फैला हुआ है. कहा कि दरअसल रेलवे विभाग के अधिकारियों के बच्चे तो यहां रहते नहीं है तो उन्हें इसका दर्द कैसे पता चलेगा. उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से यह मांग की है कि दुमका से रेलवे स्टेशन से कोयला रैक हटाया जाएं नहीं तो आंदोलन रूकने वाला नहीं है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका