धनबाद(DHANBAD): झारखंड साहिबगंज के राजमहल में जीवन बचाने का आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन खराब सड़कों को दुरुस्त करने तथा धूल कण से छुटकारा दिलाने के लिए शुरू किया गया है. कोई राजनितिक दल इसमें नहीं है. लोग खुद सड़क पर है. शहरवासियों के चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को राजमहल शहर बंद रहा. जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे. नागरिक मंच की टोली सुबह 8 बजे से दुकान बंद करवा रही थी. अधिकांश दुकानदारों ने स्वेक्छा से ही दुकानें बंद कर ली थी. जो कुछ लोग दुकानों को बंद नहीं किए थे, वह लोग भी नागरिक मंच के अनुरोध पर दुकानें बंद कर ली. आवागमन को प्रभावित नहीं किया गया था. इसलिए वाहनों का परिचालन सुचारू रूप से जारी रहा.
घोषणा -जब तक राहत नहीं, तबतक जारी रहेगा आंदोलन
आंदोलनकारियों ने घोषणा की कि जर्जर सड़क और धूलकण से जब तक छुटकारा नहीं मिलता है, चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलनकारियों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. कई संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया. राजमहल इलाका कोयला क्षेत्र है, इस वजह से भी यहां धूलकण अधिक उड़ते है. लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. सरकार के पास गुहार करने से जब कोई राह नहीं निकली तो शहरवासी एक संगठन बनाकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है. आंदोलनकारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बता रहे हैं की धूलकण से क्या-क्या परेशानी हो रही है. कोयला क्षेत्र में कोयले की ढुलाई के लिए नियम बने हुए हैं, बावजूद भी नियमों का पालन नहीं होता.
पोखरिया खदानों से प्रोडक्शन बढ़ाने के कारन भी बढ़ रहा प्रदूषण
कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयो में कोयले का उत्पादन अधिकतर पोखरिया खदानों से होता है, इसलिए भी धूल अधिक उड़ते है. धनबाद कोयलांचल का भी यही हाल है. सड़कों पर कोयला लोड भारी वाहनों के बेतरतीब आवाजाही से सड़कें भी खराब हो रही है. बेतहाशा धूलकण उड़ते है. नियम तो यह भी है कि पानी का छिड़काव किया जाए, लेकिन यह नियम सिर्फ कागज पर दिखता है, जमीन पर नहीं. प्रदूषण के कारण लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. उम्र से पहले ही लोग बीमार पड़ रहे है. राजमहल के लोगों ने आंदोलन शुरू कर सरकार और जनता को जागरूक करने का प्रयास किया है. देखना है आगे उन्हें इसमें कितनी सफलता मिलती है और कब जाकर सरकार सोये से जगती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो