धनबाद(DHANBAD): बंगाल का आलू झारखंड की धैर्य की परीक्षा ले रहा है. बंगाल ने झारखंड को आलू सप्लाई पर रोक दिया है. इस वजह से झारखंड -बंगाल बॉर्डर पर आलू लदे ट्रक खड़े है. आलू सड़ रहे है. दूसरी ओर झारखंड में आलू की किल्लत पैदा होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके साथ ही विपक्ष को हेमंत सोरेन पर निशाना साधने का एक मौका भी मिल गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहां है कि पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा आलू के ट्रक झारखंड आने से रोकने के निर्णय ने रोजमर्रा की जिंदगी में महंगाई से चिंता बढ़ा दी है. बंगाल से आलू लेकर झारखंड आ रहे सैकड़ों ट्रको को वापस लौटाया जा रहा है. सब्जी मंडियों में भी महज कुछ दिनों का ही स्टॉक है. आवक कम होने के कारण आलू की कीमत आसमान छूती जा रही है और आम जनों की रसोई से आलू गायब हो रहे है.
बाबू लाल मरांडी का सुझाव -जल्द पहल करे सीएम
उन्होंने आगे कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तत्काल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से वार्ता कर, इस समस्या का निदान करे. झारखंड में आलू की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे. ताकि राज्य के लोगो को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके. यह अलग बात है कि बंगाल का आलू रुकने से झारखंड में आलू की किल्लत हो गई है. पश्चिम बंगाल से चौथे दिन भी आलू की सप्लाई बंद रही. आलू लेकर कोई भी ट्रक झारखंड नहीं पंहुचा. इससे आलू की कीमत में उछाल देखा जा रहा है. अगर तुरंत सप्लाई शुरू नहीं हुई तो और इसकी कीमत और बढ़ेगी. दरअसल, बंगाल सरकार ने बुधवार से आलू लदे ट्रको के झारखंड में प्रवेश पर रोक लगा दी है. चेक नका पर पुलिस जवान लगा दिए गए है. कारोबारी सूत्रों की माने तो धनबाद की मंडियों में आलू का तीन-चार दिनों का स्टॉक ही बचा है.
आपूर्ति शुरू नहीं हुई तो किल्लत हो सकती है आलू की
अगर जल्द आपूर्ति शुरू नहीं हुई तो किल्लत हो सकती है. कोयलांचल में तो बंगाल के आलू की अधिक खपत होती है. उत्तर प्रदेश से भी आलू आता है, लेकिन उसकी मात्रा बंगाल के बराबर नहीं होती है. यह अलग बात है कि हजारीबाग का नया आलू बाजार में आ गया है, लेकिन उसकी कीमत खरीदारों के पहुंच से दूर है. इधर, बंगाल में आलू की उपलब्धता को मेंटेन करने के लिए अघोषित रूप से बंगाल सरकार ने बंगाल से आलू के निर्यात पर रोक लगा रखी है. इसका कोई घोषित आदेश तो नहीं है, लेकिन आलू आ नहीं रहा है. दूसरी ओर चेक नाका पर आलू लदे ट्रक खड़े है. आलू मंगाने वालों को नुकसान का भी खतरा बढ़ गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो