देवघर(DEOGHAR):लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से शुरु हो गया है, नहाय खाय से शुरू हुए चार दिवसीय इस महापर्व का आज दूसरा दिन है, खरना है.आज रात को व्रति द्वारा खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा.वहीं कल अस्थचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जायेगा. फिर उसके अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के बाद व्रति अपना उपवास खत्म करेंगे.
बाजारों में लौटी रौनक
पर्व को लेकर देवघर के बाजारों में पूजा के समानों की बड़े पैमाने पर खरीददारी शुरु हो गयी है. पिछले वर्ष की तुलना मे इस वर्ष बाजार पर महंगाई का असर भी साफ दिखाई दे रहा है. पूजा सामग्रियों की कीमत अधिक होने से लोगो को कुछ परेशानी अवश्य हो रही है,फिर भी लोगों द्वारा सूप,डाला सहित अन्य पूजा सामग्रियों की खरीददारी की जा रही है.ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्रों के बाजार में कई जगहों पर अस्थाई दुकान बना कर पूजा समानों की बिक्री की जा रही है.
महापर्व में सूप,डाला,डगरा, फल इत्यादि का काफी महत्व
इस महापर्व में सूप,डाला,डगरा, फल इत्यादि का इस पर्व में काफी महत्व है.व्रती द्वारा अन्य पूजन समाग्री से पहले इसकी खरीदारी की जा रही है.बाज़ार पर महंगाई का असर भले ही साफ नज़र आ रहा हो, लेकिन इससे छठ पर्व की खरीददारी पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.दुकानों में व्रती द्वारा खरीदारी करने की भीड़ उमड़ रही है.देवघर के बाजारों में उपलब्ध पूजन समाग्री की कीमत इस प्रकार है.बड़ा डाला-दउरा-300 से 400 रुपये प्रति पीस, छोटा डाला-दउरा-120 से 200 रुपये प्रति पीस, सूप-40 से 100 रुपये प्रति पीस,पंखा-15 से 20 रुपये पीस, फलों से पटा हुआ है बाजार.
बाबानगरी के बाजारों में फलों की कीमत इस प्रकार है
महापर्व छठ में फल का भी विशेष महत्व है.बाबानगरी के बाजारों में फलों की कीमत इस प्रकार है.केला 350 से 700 प्रति खानी, नारियल-60 से 70 रुपये जोड़ा, गागर नींबू-30 से 50 रुपये पीस, आदी और हल्दी-200 रुपये किलो, नारंगी-80 से 90 रुपये किलो, सेव-100 से 120 रुपये किलो तक वही अगर ईख की बात करें, तो 15 से 25 रुपये प्रति पीस तक बाजार में उपलब्ध है. कुल मिलाकर महंगाई पर आस्था भारी है, और व्रति या इनके परिवार अपनी जेब के अनुसार पूजन सामग्रियों की खरीदारी कर रहे हैं.दुकानदार को अच्छी बिक्री की उम्मीद है, तो खरीदार भी मानते है कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 20 फीसदी महंगाई है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा