दुमका: बासुकीनाथ स्थित चरकनाथ धाम में बड़ी ही धूमधाम के साथ चरक पूजा संपन्न हुआ. चरक पूजा, भगवान शिव और माता काली को समर्पित है. इस पूजा में श्रद्धालु भोलेनाथ का आशीष पाने के लिए हठयोग करते हैं. चरक पूजा करने वाले श्रद्धालु तीन दिनों तक जल और शरबत पी कर रहते हैं. यहां तक की श्रद्धालु इन तीन दिनों तक फलहार भी नहीं लेते हैं और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं.
परंपरानुसार हर वर्ष चरक पूजा 13 अप्रैल से शुरू होकर 15 अप्रैल तक चलती है.चरकनाथ की पूजा से पूर्व श्रद्धालुओं द्वारा भिक्षाटन किया जाता है. सुख, समृद्धि एवं भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु श्रद्धालु पर्व के आखिरी दिन सुबह जलते हुए अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु नियम निष्ठा से इस पर्व को करता है उसे अग्नि छू तक नहीं पाती. नियम निष्ठा का पालन करके आचार विचारों में शुद्धि व संयम रखते हुए इस त्योहार को मनाया जाता है.
रिपोर्ट: सुतिब्रो गोस्वामी